Coronavirus: देश में बिना लक्षण वाले Corona की चपेट में सबसे ज्यादा, डॉक्टर्स की बढ़ी परेशानी

देश में संक्रमित लोगों की संख्या 18601 हो गई है जबकि 590 लोगों की इस वायरस के चलते मौत हो गई। इसी के साथ ही अब एक नया संकट और सामने आ गया है। जिसके चलते सरकार को एक और परेशानी खड़ी हो गई है।

Coronavirus live updates In India

कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पूरी दुनिया इस वायरस की चपेट में हैं। इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद देश में कोरोनावायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। देश में संक्रमित लोगों की संख्या 18601 हो गई है जबकि 590 लोगों की इस वायरस के चलते मौत हो गई। इसी के साथ ही अब एक नया संकट और सामने आ गया है। जिसके चलते सरकार को एक और परेशानी खड़ी हो गई है।

सोमवार को इंडिया टुडे के ई-कॉन्क्लेव की सीरीज में अमेरिका के प्रसिद्ध वायरलॉजिस्ट और बायोटेक इन्वेस्टर पीटर कोलचिन्स्की ने इस वायरस को लेकर कई अहम बाते बताईं। पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में उन लोगों की पहचान की गई है जो कोरोना वायरस से संक्रमित तो हैं लेकिन उनमें किसी भी तरह के लक्षण नजर नहीं आए हैं। वॉयरलॉजिस्ट पीटर कोलचिन्स्की ने भी कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों को सबसे बड़ी चुनौती बताया है।

Coronavirus Live Updates: नहीं थम रहा कोरोना का प्रकोप, संक्रमित लोगों की संख्या पहुंची 18 हजार पार

वॉयरलॉजिस्ट पीटर कोलचिन्स्की

वायरलॉजिस्ट पीटर ने बताया कि अगर 80 प्रतिशत लोग ए-सिम्प्टमैटिक (बिना लक्षण वाले मामले) हैं तो दुनिया में मृत्यु दर 1 प्रतिशत हो सकती है। लेकिन समस्या ये है कि अगर दुनिया में 0.2 प्रतिशत भी मरते हैं तो बहुत अधिक लोगों की मौत होगी।

भारतीय वैज्ञानिक डॉ. गंगाखेड़कर ने कोरोना वायरस को लेकर बताया ये भारत के लिए सबसे चिंताजनक बात है कि अब बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है।

Coronavirus

कोरोना वायरस को लेकर कई वैज्ञानिक ने कहा है कि इस साल के अंत तक वैक्सीन बन सकती है। लेकिन सबसे जरूरी ये है कि यह स्वास्थ्कर्मियों और कोरोना के गंभीर खतरे में आने वाले लोगों की दी जाएगी। उसके बाद अगले साल के शुरुआत में इसे न्य लोगों को भी दिया जा सकता है।

lakhantiwari :मेरा नाम लखन तिवारी है और मैं एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के रूप में पिछले 6 वर्षों से काम कर रहा हूं. एंटरटेनमेंट की खबरों से खास लगाव है. बॉलीवुड की खबरें पढ़ना और लिखना दोनों ही पसंद है.