Corona Updates: चीन के गोंगझाउ एयरपोर्ट से भारत के लिए 6.5 लाख टेस्टिंग किट रवाना, जांच में बढ़ सकती है रफ्तार

चीन के गोंगझाउ एयरपोर्ट से गुरुवार सुबह कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली किट्स की खेप रवाई की गई है। इस खेप में 650,000 टेस्टिंग किट्स शामिल हैं। इसके अलावा चीन से भारत के लिए रवाना इस खेप में रैपिड एंडीबॉडी टेस्ट और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स भी शामिल है। इसकी जानकारी चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने बतायी।

चीन के गोंगझाउ एयरपोर्ट से भारत के लिए 6.5 लाख टेस्टिंग किट रवाना

Covid-19 Updates: कोरोना वायरस का कहर भारत पर फैलता ही जा रहा है। कोरोना से संक्रमित मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। मरीज को पूरी तरह से ठीक करने के लिए पूरा मेडिकल स्टाफ जी-जान लगाकर काम कर रहा है। इलाज में कोई रुकावट ना हो इसका सरकार पूरी कोशिश कर रही है। अब हालही में, चीन के गोंगझाउ एयरपोर्ट से गुरुवार सुबह कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली किट्स की खेप रवाई की गई है। इस खेप में 650,000 टेस्टिंग किट्स शामिल हैं। इसके अलावा चीन से भारत के लिए रवाना इस खेप में रैपिड एंडीबॉडी टेस्ट और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स भी शामिल है। इसकी जानकारी चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने बतायी।

बता दे, इस बीच चीन के उप्पर कई सवाल उठाए गए है। दरअसल, दुनिया भर के कई देशों ने चीन से मंगाए जाने वाले सामान पर घटिया क्वालिटी के हाने का आरोप लगाया है। हालांकि भारत की तरफ से ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस पर सवाल उठाए है।कोरोना वायरस की जांच में लगने वाले उपकरण या स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा किट पर उठे सवाल को लेकर चीन ने कहा है कि ऐसे सामान उन्हीं कंपनियों से आयात किए जाएं जिन्हें चीन सरकार की ओर से इजाजत मिली हो। इन कंपनियों में घटिया सामान होने की संभावना कम है। चीन की तरफ से यह बात भी सामने आयी है अगर जिन कंपनियों पर आरोप सही पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन पर इस मामले में सख्त पूछताछ की जाएगी।

आपको बता दे, चीन में दो महीने कोरोना महामारी से जूझने के बाद कई फैक्ट्रियों में उत्पादन अब थोड़े समय से शुरू हो गया है। बाकी दुनिया में काम ठप पड़ा है और उत्पादन का काम भी लगभग पूरा बंद हो गया है। इसे देखते हुए चीन ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर दुनिया को बेचना चाहता है। कोरोना वायरस की ऐसी हालत में दुनिया के अधिकांश देशों को मेडिकल उपकरण की जरूरत है। इनमें वेंटिलेटर्स और पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) की जरूरत ज्यादा है जिसे चीन पूरी दुनिया में सप्लाई कर रहा है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी चीन से इम्पोर्ट कर रहा है। इस काम में भारत की सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां पूरी तरह लगी हुयी है। देश में इलाज करने में कोई देरी ना हो इसका सरकार पूरा ध्यान रख रही है।

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बता दे, इटली और स्पेन जैसे देशों ने चीन पर आरोप लगाया है कि वहां से इम्पोर्ट होने वाले मेडिकल उपकरण घटिया क्वालिटी के हैं। पीपीई, टेस्टिंग किट्स और वेंटिलेटर्स की क्वालिटी पर सवाल उठने के बाद चीन के निर्यात पर भी हल्का असर देखा जा रहा है। इस आरोप पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिय ने कहा कि चीनी सरकार इन शिकायतों पर गौर कर रही है और जल्द इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 15 मिलियन पर्सनल प्रोटेक्शन किट का ऑर्डर दिया है। इस किट का इस्तेमाल भारत में कोरोना वायरस के इलाज में होगा। इससे पहले भी टेस्टिंग किट्स के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। बता दे, भारत में अब तक करना वायरस की चपेट में 12,000 से ज्यादा लोग आचुके है। वही इस जान लेवा महामारी की वजह से 414 लोग अब तक अपनी जान गवा चुके है।

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