इसी साल 20 जुलाई को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। शीला दीक्षित 15 साल तक राजधानी की सीएम रही थीं। उनकी मौत को अभी महज कुछ दिन ही हुए थे कि दिल्ली की एक और पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के निधन की खबर से हर कोई सन्न रह गया। सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भले ही अलग-अलग पार्टियों से ताल्लुक रखती थीं, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में उनके बीच काफी अच्छे संबंध थे। दोनों के बीच काफी संयोग रहे हैं।
पंजाब में हुआ था सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित का जन्म
सुषमा स्वराज का जन्म अंबाला में हुआ था। अंबाला फिलहाल हरियाणा में है। विभाजन से पहले यह पंजाब का हिस्सा था। शीला दीक्षित का जन्म कपूरथला में हुआ था।
सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से निधन
बीती 20 जुलाई को शीला दीक्षित को दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद उन्हें एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। मंगलवार रात सुषमा स्वराज को भी हार्ट अटैक पड़ा। उन्हें फौरन दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया, डॉक्टरों ने करीब 3 घंटे तक उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे। सुषमा स्वराज ने मंगलवार रात करीब 11:30 बजे अंतिम सांस ली।
सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित रहे थे केंद्रीय मंत्री
सुषमा स्वराज अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण और स्वास्थ्य मंत्री रही थीं। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह विदेश मंत्री रहीं। वहीं शीला दीक्षित राजीव गांधी सरकार में संसदीय मामलों की राज्य मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रही थीं।
दिल्ली में रही हैं सिर्फ 2 महिला मुख्यमंत्री- सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित
सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। वह 53 दिनों के लिए सीएम रहीं। राजधानी की कमान संभालने वालीं दूसरी महिला शीला दीक्षित थीं। दिल्ली की जनता ने शीला दीक्षित को सिर-आंखों पर बैठाया और वह लगातार 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।
दिल्ली के पूर्व सीएम मदल लाल खुराना से भी जुड़े हैं कुछ संयोग
27 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का निधन हो गया था। उन्हें ‘दिल्ली का शेर’ कहा जाता था। उनका जन्म भी पंजाब में हुआ था। शीला दीक्षित और मदल लाल खुराना का निधन शनिवार को हुआ। शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज की तरह वह भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। शीला दीक्षित और खुराना राज्यपाल भी रहे। खुराना को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया, तो दीक्षित को केरल का राज्यपाल बनाया गया था। दोनों ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। सुषमा स्वराज और मदन लाल खुराना जयप्रकाश नारायण (जेपी) के आंदोलन से जुड़े थे।
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