जानिए क्यों मनाया जाता है देव दिवाली का त्योहार? क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली से 15 दिन बाद देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। ये त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन आता है। जानिए क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त।

देव दिवाली

दिवाली से 15 दिन बाद देव दिवाली (Dev Diwali) का त्योहार मनाया जाता है। ये त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन आता है। ये त्योहार वैसे तो कई राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा उत्साह बनारस में देखने को मिलता है। इस खास मौके पर मां गंगा की पूजा की जाती है। इस दिन कई श्रद्धालू गंगा नदी के घाटों पर दीए जलाकर रोशन किया जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था। इसी चीज की खुशी मनाते हुए देवाओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया। तभी से हर साल की तरह इस दिन को देव दिवाली के रुप में मनाए जाने लगा है। इस दिन पूजा का भी विशेष महत्व है। इसके अलावा कुछ चीजों का भी बेहद ही खास ध्यान रखना होता है जोकि कुछ इस तरह से है…

 – देव दिवाली के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है।

– इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है।

– देव दिवाली के दिन दीये दान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।

– माना जाता है कि जो लोग इस दिन पूरब की तरफ मुंह करके दीये दान करते हैं, उनपर ईश्वर की कृपा होती है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन दीये दान करने वालों को ईश्वर लंबी आयु का वरदान देते हैं. साथ ही घर में सुख शांति का माहौल बना रहता है।

इसके अलावा ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

देव दीपावली की तिथि: 12 नवंबर 2019

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक

दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।