कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से महाराष्ट्र परेशान है। दिन ब दिन कोरोना संक्रमित की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में आज सुबह एक खबर सामने आई हैं कि वाधवान (Wadhawan) को खंडाळा से महाबळेश्वर ले जाने के लिए वीआयपी ट्रीटमेंट दी जा रही है। इस विषय पर विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा है कि वाधवान मामले में सिर्फ आयपीएस अधिकारी पर करवाई करके चलेगा नहीं। इसकी ज़िम्मेदारी राज्य के गृह मंत्री को स्वीकारनी पड़ेगी और राज्य के मुख्यमंत्री को भी इस पर सब सत्य बताना बहुत जरुरी है। उनपर कड़ी करवाई क्या करने वाले है यह उनको बताना पड़ेगा। इस विषय पर मुख्यमंत्री ने चुप रहना सही बात नहीं है। मौन छोड़कर कर इस विषय पर उनको बोलना ही होगा।
दिवाण हाऊसिंग फाययान्स लिमिटेड (डीएचएफएल) के फाउंडर वाधवान जिनका ‘मेरे फॅमिली फ्रेंड’ नाम से अमिताभ गुप्ता वाधवान के लिए पांच गाड़ियों का खंडाळा से महाबळेश्वर जाने के लिए इंतजाम किया था। डीएचएफएल (DHFL) के प्रमोटरों- कपिल और धीरज वधावन के साथ 23 लोगों को महाबळेश्वर के लिए पास दिया गया था उसमें जगह का नाम, पांचों गाडी के नंबर और कितनी लोग कौन सी गाड़ी में जायेंगे यह जानकारी दी गई थी। जब यह बात सामने आई तो गुरुवार की देर रात गुप्ता ओर कड़ी करवाई की गई। लेकिन इस करवाई से विरोधी पक्षनेता खुश नहीं है, उनकी मांग हैं कि उस अधिकारी को आदेश किसने दिया, वो सामने आना ही चाहिए।
इस मामले में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। फडणवीस ने कहा, ‘कोरोना के वजह से देश में और महाराष्ट्र में लॉकडाउन है। कोई घर से बाहर नहीं निकले ऐसा सरकार रोज बोल रही है। कई लोग घर की इमरजेंसी के वजह से, या परिवार में किसी का देहांत हुआ हैं तो इस लॉकडाउन के वजह घर से बाहर नहीं आ पा रहा है। ऐसी स्तिथि में वाधवान और परिवार वालों को घूमने के लिए सरकार ले जाती हैं यह धक्कादायक बात है। वाधवान पर सीबीआय का लूकआऊट वॉरंट है और ईडी उनपर जांच पड़ताल कर रही है। ऐसे में वह लोग यहां मौजूद होने के बजाय वह लोग घूमने जा रहे है यह सब निषेध है।
इस विषय पर सिर्फ प्रमुख सचिव पर इलज़ाम लगाकर कोई फायदा नहीं है। कोई भी वरिष्ठ आयपीएस अफसर ऐसे मौके पर खुद फैसला लेता नहीं है। इसके लिए पहले के पत्र दिया जाट है और फिर इस पर फैसला लिया जाट यही और इस बात की जानकारी ऊपर के पोस्ट पर अधिकारी को होती है। इसलिए किसी का तो आशीर्वाद या आदेश दिए बिना कोई यहां से जा नहीं सकता है। इसलिए हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने इस बात का सच बताना ही चाहिए, ऐसा फडणवीस (Devendra Fadnavis) मांग कर रहे है।