इस बार दिवाली (Diwali 2019) 27 अक्टूबर को है। कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन दीपावली का पावन त्योहार मनाया जाता है। दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आज के दिन विशेष पूजा करने से मां लक्ष्मी खुश होती हैं और धन की बारिश करती हैं। इस दिन दीपों से घर को रोशन किया जाता है। दीये का प्रकाश अपनी रोशनी की तरह आपके जीवन में भी सकारात्मक सोच, शक्ति और धन की चमक फैलाता है। दिवाली से भगवान श्रीराम से भी मान्यता जुड़ी हुई हैं। पुराणों में कहा गया है कि कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्रीराम ने अयोध्या में वापसी की थी।
भगवान श्रीराम की 14 साल के वनवास काटने के बाद अयोध्या में वापसी से अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। अमावस्या की काली रात में इन दीपों के चलते पूरे अयोध्या में रोशनी हो गई। इसलिए इसे दीपावली को प्रकाशोत्सव के नाम भी जाना जाता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ मां सरस्वती और भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। यहां हम आपको बता रहे हैं दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Pujan Vidhi) का सही समय।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Shubh Muhurt)
दिवाली / लक्ष्मी पूजन की तिथि: 27 अक्टूबर 2019
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर 2019 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहुर्त: 27 अक्टूबर को शाम 06:42 से रात 08:11 बजे तक
लक्ष्मी पूजन का महत्व (Importance Of Laxmi Puja)
महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की सारी निगेटिविटी दूर हो जाएगी।
दिवाली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां रखें। इससे धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होंगी।
दिवाली वाले दिन शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। ध्यान रहे सभी चावल पूर्ण होने चाहिए।
लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ जरूरी रखें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें।
इस दिन पीपल के पेड़ में जल जरूर दें। इससे शनि के दोष और कालसर्प दोष खत्म हो जाता है।