आज पूरा देश विजयदशमी (VijayaDashmi 2019) का पर्व मना रहा है। इस दिन को लोग असत्य पर सत्य की जीत के तौर पर मनाते हैं। आज के दिन रावण को असत्य का प्रतीक माना जाता है और उसका पुतला बनाकर जलाया जाता है। पूरे देश में रावण के पुतले बनाए जाते हैं और उसको भगवान राम का किरदार निभाने वाले शख्स या फिर अच्छे और सच्चे माने वाले शख्स से उसका दहन करवाया जाता है। लेकिन देश में एक ऐसा गांव जहां रावण की पूजा होती है और यहां रावण का कच्ची मिट्टी का मंदिर भी बनवाया गया है।
रावण की पूजा करने वाले इस गांव का नाम डुंगरिया है। ये गांव मध्यप्रदेश के मंडला जिले का वनीय क्षेत्र में स्थित है। मंडला एमपी के फेमस जिले जबलपुर से सटा हुआ है। यह एक आदिवासी गांव है। इस गांव की मान्यता है कि रावण गोंडवाना क्षेत्र के गोंडवाना साम्राज्य का सम्राट, ज्ञानी, विद्वान रहे हैं। यहां के ग्रामी रावण को अपना पूर्वज मानते हैं और दशहरा वाले इसकी पूजा करते हैं। यहां रावण का मंदिर (Ravan Temple In India) भी लेकिन ये कच्चा और घास-फूस का बना हुआ है। रावण के पूजने वाले लोग यहां एक भव्य मंदिर बनवाना चाहते हैं।
सदियों से पूजा करते आ रहे हैं पूर्वज
इस कच्चे में मंदिर में रावण की मूर्ति नहीं, बल्कि तस्वीर है। इस तस्वीर की ही लोग पूजा करते हैं और इसके आगे ही ज्योत जलाते हैं। यहां के लोग उनको अपना आराध्य और पूर्वज मानते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि रावण के दयालु राजा थे। ये लोग राम-रावण युद्ध (Ram Ravan War Story) को आर्यन और द्रविण की लड़ाई मानते हैं। गांव के कुछ युवाओं का कहना है कि उनके पूर्वज रावण की सदियों से पूजा करते हुए आए हैं इसलिए वह भी इनकी पूजा करते हैं। रावण एक महान राजा थे। उन्हें बहुत ज्ञान था। उनके चलने से धरती हिलती थी।
आज है विजयदशमी का पर्व, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त-महत्व, इसलिए खाई जाती है दशहरा पर जलेबी