Tablighi Jamaat: मरकज के प्रमुख मौलाना साद ने कथित तौर पर लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के इकट्ठा सदस्यों को बाहर ना निकलने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके बाद जमात में शामिल हुए कई लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया और कई सदस्यों की मृत्यु हो गई। जमात में शामिल हुए 2000 से ज्यादा कोरोना मामले अब तक सामने आ चुके है। अब हालही में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)Enforcement Directorate ने प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दे, दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और अन्य के खिलाफ लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज किया था और अब ईडी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। वित्तीय जांच एजेंसी को संदेह है कि मौलाना साद के संगठन द्वारा विदेशों से बड़ी मात्रा में धन प्राप्त किया गया था और सरकारी अधिकारियों के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया गया। ईडी द्वारा मौलाना साद के 8 सहयोगियों पर भी कड़ी कारवाही होगी। सूत्रों के मुताबिक मरकज ट्रस्ट के खाता की भी जांच की जा रही है। आयकर विभाग ने भी संभावित आय की घोषणा ना करना, ट्रस्टों द्वारा करों की चोरी और व्यक्तिगत लाभ के लिए धन की चैनलाइजिंग जैसे आरोपों पर अनाधिकारिक तौर पर जांच शुरू कर दी है।
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मरकस फंडिंग पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की रिपोर्ट केन्द्रीय वित्तीय जांच एजेंसियों- प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को सौंपी जाएगी। मौलाना साद को क्राइम ब्रांच के सामने पूछताछ के लिए पेश होना है। जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट और साद के बयान का इस्तेमाल वित्तीय जांच एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रारम्भिक जांच में पता चला है की उनके बैंक खातों में काफी मात्रा में धन आया था। मरकज ने बैंक अकाउंट्स का विवरण अभी तक क्राइम ब्रांच के साथ शेयर नहीं किया था, जबकि दो नोटिस उसके पास भेजे गए थे। तबलीगी जमात नेता मौलाना साद की क्वारनटीन अवधि समाप्त हो गई है और क्राइम ब्रांच जल्द ही उनका बयान दर्ज करा सकती है। पूछताछ के बाद ही पुलिस इस मामले में आगे की कारवाही करेगी।
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