Lockdown Effect: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का बुरा असर देखने को मिल रहा है। लोगो के बीच सोशल डिस्टन्सिंग (Social Distancing) बनी रहे इसीलिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) जारी किया गया हैं। इस महामारी का असर सबसे ज्यादा देश के अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इस बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) (chief executives) के साथ समीक्षा बैठक करने वाली थी।
सूत्रों के मुताबिक बैठक टाल दी गई है और नई तारीख जल्द बताई जाएगी। इस बैठक में कर्ज के उठाव की स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने वाली थी। सूत्रों ने कहा कि यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाला था । इसमें कर्ज लेने वालों तक ब्याज दर में कमी का फायदा पहुंचाने और कर्ज की किस्तों के भुगतान के लिए बैंकों की ओर से मोहलत देने की योजना की प्रगति पर भी चर्चा होती।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 27 मार्च को अपनी नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती की
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 27 मार्च को अपनी नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती की थी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों से लॉकडाउन से प्रभावित कर्जदारों किस्त चुकाने में तीन महीने तक किस्तों के भुगतान में राहत देने की भी घोषणा की थी। इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। उन्होंने बैठक में आर्थिक स्थिति का जायजा लिया था और केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित विभिन्न मोहलत देने जैसे सहायता के उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी।
सरकारी बैंकों ने 5.66 लाख करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च-अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपये के लोन मंजूर किये हैं. लॉकडाउन हटाये जाने के तुरंत बाद इनका वितरण शुरू हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को निरंतर लोन प्रवाह बनाये रखने में मदद करने के लिये एक मार्च से चार मई के बीच 77,383 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी।
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