एक प्रखर वक्ता और तेज तर्रार राजनेता और देश की पूर्व विदेश मंत्री रह चुकी सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का दिल का दौरा पड़ने से 67 साल की उम्र में निधन हो गया। पूरा देश उनके इस निधन की खबर से आहत है। सुषमा स्वराज पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रही थीं यहीं कारण था की उन्होंने मोदी सरकार के दोबारा कार्यकाल में वापस आने के बाद भी खुद को कैबिनेट में न लिये जाने का आग्रह किया था। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज जब बोलती थीं तो सुनने वाले सिर्फ उन्हें सुनते ही रहते थे। अब चाहें वो देश की संसद हो या अंतरराष्ट्रीय मंच। साल 2015 का वो भाषण हम कैसे भूल सकते हैं जब विदेश मंत्री के तौर पर संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा में भारत का पक्ष रखते हुए जब उन्होंने पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी।
1- 2015 में जब पाकिस्तान की खड़ी की थी खटिया
साल 2015 में सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश मंत्री के तौर पर न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा के अधिवेशन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को पूरे विश्व के सामने जमकर लताड़ा था। उन्होंने सारेआम कहा था की आतंकवाद छोड़िए और बैठ के बात कीजिए।
2- पाकिस्तान के वजीरे-आलम को यूं दी थी पटखनी
23 सितंबर साल 2017 को संयुक्त राष्ट्र में पुरानी बातें याद दिलाते हुए जब उन्होंने विश्व-भर में पाकिस्तान को दहशत फैलाने वाला देश कहा था। अपनी बात को रकते हुए उन्होंने कहा था, पाकिस्तान वालों आपने दहशत-गर्द पैदा किये आपने जेहादी पैदा किए। जो मुल्क हैवानियत की हदें पार करके सैकड़ों की जान लेता है वो यहां खड़ा होकर हमें इंसानियत का पाठ पढ़ा रहा है। अमल करने की बात तो दूर, आये दिन सीमा पार नए हमलों की खबर सामने आती रहती है।
3- जब दुनिया को पढ़ाया था वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 29 सितंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था…
वसुधैव कुटुंबकम् की बुनियाद है परिवार और
परिवार प्यार से चलता है , व्यापार से नहीं
परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं
परिवार संवेदना से चलता है, ईर्ष्या से नहीं
परिवार सुलह से चलता है, कलह से नहीं
इसीलिए हमें संयुक्त राष्ट्र को परिवार के सिद्धांत पर चलाना होगा।
ये मंच मैं-मेरा मुझको को लेकर नहीं चलाया जा सकता। ये मंच हम-हमारा और सबको के लिए बना था और तभी जीवत रह सकेगा। वहीं उन्होंने ओसामा को ढूंढ निकालाने और मार गिराने की बात पर कहा था की पाकिस्तान की हिमाकत तो देखिए कि सारा सच सामने आने के बाद भी उनके माथे पर शिकन नहीं है। 26/11 का मास्टरमाइंड रैलियां करवाता है, सरेआम घूमता है। क्या पाकिस्तान को पता नहीं दुनिया ने उनका असली चेहरा पहचान लिया है।
4- जब सुषमा स्वराज के भाषण को सुन भावुक हुए थे अमिताभ बच्चन
जब साउथ इंडिया एजुकेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा था की संस्कृत बोलने वाला पृथ्वी को परिवार मानता है वहीं अंग्रेजी बोलने वाला बाजार मानता है। क्योंकि परिवार में प्यार होता है मित्रों और बाजार में व्यापार होता है।
5- साल 1996 में जब विश्वाव मत का किया था विरोध
मैं आज यहां विश्वासमत का विरोध करने के लिए खड़ी हुई हूं। अध्यक्ष जी, ये इतिहास में पहली बार नहीं हुआ है, जब राज्य का सही अधिकारी राज्याधिकार से वंचित कर दिया गया हो। त्रेता में यही घटना राम के साथ घटी थी। राजतिलक करते-करते वनवास दे दिया गया था। द्वापर में यही घटना धर्मराज युद्धिष्ठिर के साथ घटी थी, जब धुर्त शकुनी की दुष्ट चालों ने राज्य के अधिकारी को राज्य से बाहर कर दिया था। इसीलिए मैं पूरे विश्वास से कहना चाहती हूं कि जब 28 तारीख को मेरे आदरणीय नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सदन में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, उस दिन हिन्दुस्तान में रामराज की भूमिका तैयार हो गई थी।
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यहां सुनिए सुषमा स्वराज के अनसुने किस्से…