गलवान घाटी (Galvan Valley) में हुई हिंसक झड़प के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन (China) को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister of India S. Jaishankar) और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Foreign Minister Wang Yi of China) के बीच फोन पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए चीन जिम्मेदार है और यह कदम उसने सोच-समझकर उठाया था।
इस झड़प में चीन की बेहद कायराना हरकत सामने आई है। जानकारी मिली है कि सोमवार को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कील लगी रॉड से हमला किया है। भारतीय जवान पूरी तरह से निहत्थे थे। अचानक चीन के सैनिकों ने धोखे से कील लगे डंडे और कटीले तार लपटी हुई लोहे की रॉड से भारतीय जवानों पर हमला करना शुरू कर दिया था। इसके सबूत भी अब सामने आ चुके हैं।
दरअसल, 1996 के समझौते के तहत भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक गोली नहीं चला सकते। ऐसे में चीन ने एक नया कायराना तरीका अपनाया है। फिलहाल अब भारत सरकार विचार कर रही है कि एलएसी पर सेना को हथियार लेकर जाने की अनुमति दी जाए।
भारत के 20 जवान झड़प में शहीद हो गए
लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना ने अपने 20 जांबाज जवानों को खो दिया था शहीद जवानों के पार्थिव शरीर अब उनके घरों में पहुंचने लगे हैं। ये 20 शहीद देश के अलग-अलग राज्यों के थे। जिसमे सबसे ज्यादा 5 जवान बिहार के रहने वाले थे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।”
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