देश भर में गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर से मनाई जा रही है। भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश चतुर्थी के नाम से मनाया जाता है।
हर साल इस त्योहार को महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पूजा पाठ के लिए शुभ समय का बहुत ही महत्व होता है। इस समय के मुताबिक ही पूजा पाठ करने से मनोकामना पूर्णं होती है और पूजा को सिध्द माना जाता है। इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
ऐसा माना जाता है कि गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था। इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। भगवान गणेश का जन्म दोपहर में होने के कारण इनकी पूजा मुख्य रूप से दोपहर में होती है। चतुर्थी के दिन मध्याह्न 12 बजे का समय गणेश-पूजा के लिए उत्तम माना गया है।
मध्याह्न पूजा का समय गणेश-चतुर्थी पूजा मुहूर्त के नाम से ही जाना जाता है। इन्हीं बातों का ध्यान रखकर पूजा दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक करनी चाहिए। इस साल भी चतुर्थी तिथि गुरुवार 13 सितंबर को पूरे दिन रहेगी। गणेश जन्मोत्सव की पूजा और स्थापना इस दिन कभी भी कर सकते हैं।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: दिनांक 12 सितंबर दिन बुधवार को शाम 4:07 से
चतुर्थी तिथि समाप्त: दिनांक 13 सितंबर दिन गुरूवार को दोपहर 2:51 बजे तक
गणेश पूजन के लिए मुहूर्त: 13 सितंबर दिन गुरूवार को सुबह 11:02 से 13:31 तक
मूर्ति स्थापना का मुहूर्त: 1. 12 सितंबर दिन बुधवार को मध्याह्न 3:30 से सांयकाल 6:30 तक
2. 13 सितंबर दिन गुरुवार प्रातः 6:15- 8:05 तक और 10:50-11:30 तक
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very nice article about ganesh chaturthi.
ganesh chaturthi 2018 wishes