गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत एक बार फिर बिगड़ चुकी है। अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद भी उनकी बीमारी बढ़ती दिख रही है। बिगड़ती हालत को देखकर उनको गोवा में पहले भर्ती कराया गया इसके बाद स्पेशल प्लेन से दिल्ली एम्स लाया गया है। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मनोहर पर्रिकर की हालत इतनी खराब हो गई है कि अब गोवा मुख्यमंत्री का कार्यभार किसी और को सौंपने की बात चल रही है। इस बाबत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी नेताओं के साथ बात भी कर रहे हैं। लेकिन मनोहर पर्रिकर की कमी शायद ही कोई नेता कर पाए। मनोहर पर्रिकर अपने संघर्ष और कार्यशैली के कारण खासे लोकप्रिय हैं।
सबसे गमजदा पल
मनोहर पर्रिकर गोवा के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष भी किया है। लेकिन जब वह 24 अक्तूबर 2000 को पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। यह उनके लिए सबसे खुशी का पल था लेकिन सीएम पद संभालने से ठीक पहले उनकी पत्नी मेधा की कैंसर से मौत हो गई थी।
मनोहर पर्रिकर अपनी पत्नी को बेहद प्यार करते थे लेकिन ऐसे पल पर पत्नी का साथ छूटना उनके लिए बेहद झकझोरने वाला था। सीएम के साथ-साथ उनके ऊपर अपने दो बच्चों की जिम्मेदारी भी आ गई। मनोहर पर्रिकर ने हार नहीं मानी और पिता एवं मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ उठाए।
कैंसर से पुराना कनेक्शन
मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेधा की मौत भी कैंसर के कारण हुई थी। मेधा लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थी उनकी बीमारी को लेकर मनोहर पर्रिकर परेशान तो नहीं दिखे लेकिन कहीं ना कहीं एक डर देखने को मिलता था। और अभी पर्रिकर भी एक प्रकार के वह एडवांस्ड स्टेज के पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं। इसको लेकर वह तीन माह तक अमेरिका के अस्पताल में भर्ती रहे औऱ अबतक उससे जूझ रहे हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टरमाइंड
मनोहर पर्रिकर ना केवल मुख्यमंत्री के तौर पर सफल रहे बल्कि रक्षा मंत्री के दौरान भी उन्होंने कर्तव्यनिष्ठा निभाई। इसीका नतीजा रहा कि बार-बार सीजफायर का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भले ही सर्जिकल स्ट्राइक विवादों में रहा लेकिन मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक करने के पीछे इनका अहम रोल रहा।
काम से बढ़कर कुछ भी नहीं
मनोहर पर्रिकर साफ- सुथरी छवि के नेता हैं। निडर एवं ईमानदार मुख्यमंत्री के रूप में अपनी शानदार छवि बनाने में कामयाब रहे। जिसके कारण गोवा लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य रहा। इतना ही नहीं मनोहर पर्रिकर को 16 से 18 घंटे काम करने की आदत है। इसके अलावा मनोहर पर्रीकर के नाम भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को गोवा लाने का श्रेय भी जाता है।
और कुछ खास बातें…
- इनका जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा जिले में हुआ।
- मनोहर पर्रिकर ने अपने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा मापुसा गांव में पूरी की और बाद में आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की। 1978 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की।
- मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक सफर 1994 में तब शुरू हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए, उसके बाद वह 24 अक्टूबर साल 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त हुए और 27 फरवरी 2002 तक मुख्यमंत्री के कार्य बखूबी संभाला।