गुड फ्राइडे के पीछे है ईसा मसीह के बलिदान की कहानी, जानिए आज के दिन क्यों नहीं मनाया जाता है जश्न

ईसाई धर्म में ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह ने लोगों की भलाई के लिए ही अपनी जान दी थी। इसी वजह से इस दिन को गुड के साथ जोड़कर गुड फ्राइडे कहा जाता है। जिस दिन ईसा मसीह ने अपनी जान लोगों के लिए दी थी वो दिन शुक्रवार का था।

गुड फ्राइडे के पीछे है ईसा मसीह के बलिदान की कहानी ( फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ईसाई समुदाय में 19 अप्रैल 2019 यानी आज के दिन गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। इस दिन को ब्लैक फ्राइडे और ग्रेड फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को कई सूली पर चढ़ाया गया था। ऐसे में सवाल ये उठाता है कि ईसा मसीह के साथ हुए इस तरह के बर्ताव के बाद भी इस दिन को आखिर क्यों गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है? ऐसा करने के पीछे एक कहानी है। जिसके बारे में हम आपको बताएंगे।

दरअसल ईसाई धर्म में ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह ने लोगों की भलाई के लिए ही अपनी जान दी थी। इसी वजह से इस दिन को गुड के साथ जोड़कर कहा जाता है। जिस दिन ईसा मसीह ने अपनी जान लोगों के लिए दी थी वो दिन शुक्रवार का था। इसलिए ईसाई धर्म में इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर शोक जताते हैं और गॉड से अपने गुनाहों के लिए क्षमा मांगते हैं। कहीं ना कहीं आज के दिन जसीस को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस दिन लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं। क्या आपको पता है कि इस दिन चर्चा में घंटियां नहीं बजाई जाती है। बाइबिल में ऐसा कहा गया है कि कम से कम 6 घंटे तक प्रभु यीशू को सूली पर लटकाया गया था। यहीं वजह है कि भले ही आज का दिन गुड फ्राइडे कहा जाता है लेकिन इस दिन किसी भी तरह का जश्न नही मनाया जाता है।

अपने करीबियों को भेजे ये मैसेज

यदि प्रभु नहीं है तो उसका जिक्र क्यों…!
और यदि प्रभु है तो फिर इतनी फिक्र क्यों!
गुड फ्राइडे की शुभकामनाएं

 

मनुष्य को ईश्वरता का पाठ पढ़ाया
दिन गुड फ्राइडे का आज पवित्र है आया

 

दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।