गूगल ने आज रूस की ओल्गा लैडिज़ेनस्काया का डूडल बनाया है। गूगल ने रूस की मशहूर गणितज्ञ ओल्गा लैडिज़ेनस्काया के 97वें जन्मदिन पर शानदार डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। गूगल ने आज के डूडल में ओल्गा लैडिज़ेनस्काया के चेहरे के साथ ही इक्वेशन और फ्लुइड डायनमिक्स को भी दिखाया है। इतना ही नहीं गूगल डूडल ने अपने यूट्यूब चैनल पर ओल्गा लैडिज़ेनस्काया के बारे में भी बताया है। उनके जीवन में कितने उतार-चढ़ाव हुए और वह कैसे इस मुकाम तक पहुंची इसके बारे में बताया है।
रूस के कोलोग्रिव में 7 मार्च 1922 को जन्मी ओल्गा लैडिज़ेनस्काया को एलजेबरा से बहुत प्यार था। वह अपने पिता से एलजेबरा पढ़ती थीं। उनके पिता गणित के टीचर थे। जब वह 15 साल की थी तब उनके पिता को जेल हो गई और उन्हें ‘देश का दुश्मन’ करार दिया गया। इसके बाद उनकी मां और बहन ने उनके पिता से मिलने के लिए अपने ड्रेस, जूते और साबुन तक बेच दिए। इन हालातों के वाबजूद वह सेकंडरी स्कूल में अच्छे ग्रेड से पास हुईं। उनके परिवार के नाम की वजह से उनको लेनिनग्रेड स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिला।
मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी में की पढ़ाई
ओल्गा लैडिज़ेनस्काया इसके कई सालों बाद सेकंडरी स्कूल के छात्रों को गणित पढ़ाने लगी, तब जाकर उन्हें मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रसिद्ध गणितज्ञ इवान पेट्रोवस्की के नेतृत्व में पढ़ाई करने मौका मिला। उन्होंने यहां से पीएचडी की और स्टेक्लोव मैथमेटिकल इंस्टिट्यूट में मैथमेटिकल फिजिक्स की लेबोरेटरी की प्रमुख बनीं। सोवियत संघ के विघटन के और देश की आर्थिक तंगी के बाद वह रूस में ही रहीं।
मिला ये सम्मान
ओल्गा लैडिज़ेनस्काया ने पार्शियल डिफरेंशल इक्वेशंस और फ्लुइड डायनमिक्स पर 250 से भी अधिक पेपर्स लिखी। वह सेंट पीटर्सबर्ग मैथमेटिकल सोसाइटी की 1959 से सदस्य बनी और 1990 में इस सोसाइटी की अध्यक्ष भी बनीं। इसके अलावा उन्हें कला और प्रकृति काफी पसंद थी। उन्होंने कई इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट में पढ़ाया। 2002 में मैथमेटिक्स की दुनिया में अहम योगदान देने के लिए उन्हें रूस की विज्ञान अकादमी ने लोमोनोसोव गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
यहां देखिए ओल्गा लैडिज़ेनस्काया पर गूगल डूडल वीडियो…