गूगल ने स्टीव इरविन का डूडल बनाकर किया याद, जानिए क्रोकाइडल हंटर के साहस की दास्तान

गूगल ने आज पशुप्रेमी और मगरमच्छ पकड़ने वाले स्टीव इरविन का डूडल बनाया है। आज स्टीव इरविन का जन्मदिन है। स्टीव इरविन पर गूगल ने छह स्लाइड का डूडल बनाया है और उनके मगरमच्छ प्रेम को दिखाया है।

गूगल ने क्रोकाडाइल हंटर स्टीव इरविन का डूडल बनाया। (फोटोः गूगल)

गूगल ने आज ऑस्ट्रेलिया के पशुप्रेमी स्टीव इरविन का डूडल बनाया है। आज स्टीव इरविन का जन्मदिन है। स्टीव इरविन को मगरमच्छ पकड़ने के लिए जाना जाता था। उन्हें ‘क्रोकोडाइल हंटर’ भी कहा जाता है। गूगल डूडल में में मगरमच्छों से प्रेम को दिखाया है। गूगल ने डूडल के जरिए छह स्लाइड्स के जारिए उनके सफर और ऑस्ट्रेलिया में उनके पिता द्वारा खोले गए चिड़ियाघर घर की देखरेख तक सफर दिखाया है।

गूगल डूडल ने स्टीव इरविन के पशु प्रेम के साथ परिवार परिवार के साथ जुड़ाव दिखाया। इन स्लाइड में उनके मगरमच्छ पकड़ने के तरीकों और मगरमच्छ को पकड़ते हुए दिखाया गया है। कई इन स्लाइडों में मगरमच्छ पकड़ने के बाद उनके चेहरे पर खुशी भी दिखाई दी है। स्टीव इरविन ने अपने जीवन में कई बड़-बड़े बड़मगरमच्छों को पकड़ा। उनके सम्मान में 15 नवंबर को ‘स्टीव इरविन डे’ मनाया जाता है।

मगरमच्छ की लाइफ बनाई डॉक्यूमेंट्री

स्टीव इरविन अपनी पत्नी के साथ कई वाइल्डलाइफ डॉक्यूमेंट्री को कई चैनल्स पर दिखाया। ये सभी डॉक्यूमेंट्री मगरमच्छों पर आधारित रही हैं। जिनमें ‘क्रोको फाइल्स’, ‘द क्रोकोडाइल हंटर डायरीज’ और ‘न्यू ब्रीड वेट्स’ नाम की डॉक्युमेंट्री शामिल है। इसके अलावा वह डिस्कवरी, नैशनल जियोग्राफिक और एनिमल प्लैनेट पर आने वाले शो मे दिखाई देते रहे हैं। इरविन का जीवन बहुत ही छोटा रहा। उन्होंने 44 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

यहां स्टीव इरविन की बेटी का पोस्ट

मछली के काटने से हुई मौत

स्टीव इरविन का पशु-प्रेम ही उनकी मौत की वजह भी बना। खतरनाक समुद्री जीवों से जुड़े एक शो के लिए क्वींसलैंड में ग्रेट बैरियर रीफ में अंडरवाटर शूटिंग के दौरान स्टिंग-रे मछली ने उन्हें काट लिया और 2006 में उनकी मौत हो गई। स्टिंग ने उनके दिल में काट लिया था, जिसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका। लेकिन मगरमच्छ जैसे खतरनाक जानवरों से उनके प्रेम और पकड़ने की कला को आज भी लोग याद करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के यह हादसा

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रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।