एक बार मोबाइल फोन (Mobile Phone) चोरी हो जाए या गुम हो जाए, तो उसके मिलने की उम्मीद ना के बराबर होती है। लेकिन सरकार ने अब इसके लिए एक वेब पोर्टल (Web Portal) शुरू किया है। इसकी मदद से आपका फोन भी मिल जाएगा और चोर का भी पता चल जाएगा। यानी अब सरकार आपके मोबाइल फोन को खोजने में आपकी मदद करेगी।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने हाल ही में मुंबई में इस वेब पोर्टल को लॉन्च किया है। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) नाम से शुरू किया गया है। इसकी लागत 15 करोड़ रुपये है। फिलहाल इसे महाराष्ट्र में लागू किया गया है। पॉजिटिव फीडबैक के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा। सीईआईआर सिस्टम महाराष्ट्र के फोन्स के डेटाबेस से कनेक्ट है।
वेब पोर्टल पर दर्ज करवानी होगी शिकायत
इस पोर्टल पर लोग चुराए गए या खो चुके मोबाइल फोन की जानकारी देकर शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। इस तरह के मामलों में आपको FIR दर्ज करवानी होगी और इसके बाद हेल्पलाइन नंबर 14422 पर दूरसंचार मंत्रालय को सूचित करना होगा। शिकायत दर्ज होते ही टेलीकॉम डिपार्टमेंट फोन के आईएमईआई नंबर को ब्लॉक कर देगा। आपका मौजूदा मोबाइल ऑपरेटर भी नेटवर्क के इस्तेमाल पर रोक लगा देगा। यह ब्लॉक होते ही फोन में किसी भी नेटवर्क का संचालन नहीं हो सकेगा यानी मोबाइल फोन एक तरह से बेकार हो जाएगा।
सेंट्रल सिस्टम की तरह काम करेगा सीईआईआर सिस्टम
मोबाइल में सिम कार्ड बदल दिया जाए या फिर फोन का आईएमईआई नंबर चेंज कर दिया जाए, फोन फिर भी काम नहीं करेगा। सीईआईआर सिस्टम सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए एक तरह से सेंट्रल सिस्टम की तरह काम करेगा। फोन की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। सभी ऑपरेटर्स ब्लैक लिस्टेड मोबाइल डेटाबेस को डिटेक्ट कर सकेंगे और इसे दोबारा काम करने से रोकेंगे। अधिकारियों का दावा है कि इस तकनीक से चुराए गए मोबाइल के दुरुपयोग पर रोक लगेगी। साथ ही मोबाइल चोरी के मामले कम होंगे। चोरी या गुम मोबाइल मिल सकेंगे। डुप्लीकेट और नकली आईएमईआई वाले मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी।
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