कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख धर्म के 10 गुरुओं में से पहले गुरू माने जाने वाले गुरु नानक देव का अवतरण हुआ था। तभी से ही इस दिन को प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जाता है। सिख धर्म की स्थापना गुरू नानक जी ने की थी। गुरु नानक जी ने अपने अंदर दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु जैसे कई गुण समेट कर रखे हुए थे। गुरु नानक जी ने समाज से बुरियों को मिटाने के लिए कई यात्राएं भी की थी।
गुरु नानक देव जी का अवतरण 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन रावी नदी के किनार मौजूद तलवंडी नाम के एक गांव खत्रीकुल में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी था। साथ ही उनकी बहन का नाम नानकी था। इसके साथ ही गुरु नानक जी की शादी 1487 में माता सुलखनी से हुई थी। इसके बाद उनके दो बेटे हुए जिनका नाम श्रीचन्द और लक्ष्मीचन्द था। गुरु नानक जी हमेशा कहते थे भगवान एक है और उसकी उपासना हिंदू मुसलमान दोनों के लिए हैं। गुरु नानक जी के अनमोल वचन भी यदि हम अपने जीवन में थोड़ा भी अपनाते है तो यकीनन हमारा जीवन खुशियों से भर जाएगा।
वीडियो साभार– टी सीरीज
ये है अनमोल विचार…
– वे लोग जिनके पास प्यार है, वे उन लोगो में से है जिन्होंने भगवान को ढूंढ लिया.”
– “जिसे खुद पर विश्वास नही है वह कभी भगवान पर विश्वास कर ही नही सकता.”
– “कभी भी, किसी का हक, नहीं छीनना चाहिए.”
– “जगत का कर्ता सब जगह और सब प्राणी मात्र में मौजूद हैं.”
– “प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.”
– “उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है.”
– “दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है.”
– “भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है.”
– “सिर्फ और सिर्फ वही बोले जो शब्द आपको सम्मानित करते हैं.”
– “ये पूरी दुनिया कठिनाइयों में है। वह जिसे खुद पर भरोसा है वही विजेता कहलाता है।
देखिए गुरु नानक देव जी से जुड़ी हुई तस्वीरें…
गुरू नानक जी के विचार…