इंसान अपनी जिंदगी में हर रिश्ते को बेहद ही खास जगह और सम्मान देता है। माता-पिता के बाद किसी भी इंसान के जीवन में गुरु का अधिक महत्व होता है। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2019) का दिन उन्हें ही के सम्मान के लिए हर जगह धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार गुरू पुर्णिमा 16 जुलाई को है। इस दिन गुरु के प्रति आदर- सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इस पर्व को मनाया जाता है। वहीं, भारतीय संस्कृति में गुरु को देवता के बराबर मनाया गया है। गुरु को हमेशा ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान पूज्य की बात कही जाती है, लेकिन आपको पता है कि इस ब्रह्मांड के सबसे पहले गुरु कौन थे और उनके शिष्य कौन-कौन बने थे। नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं।
हिंदु पुराणों के मुताबिक भगवान शिव (Mahadev) ही इस ब्रह्मांड के सबसे पहले गुरु माने गए है, जिनके तो शिष्य हैं शनिदेव और परशुराम। इस धरती पर सबसे पहले महादेव ने ही सभ्यता और धर्म का प्रचार-प्रसार करने का काम किया था। यहीं वजह है कि वह आदिदेव और आदिगुरु भी कहे जाते हैं। यहां तक की महादेव को आदिनाथ कहकर भी पुकारा जाता है। आदिगुरु महादेव ने शनि और परशुराम के साथ-साथ 7 लोगों को भी ज्ञान दिया था। ये ही आगे चलकर फिर सात ह्मर्षि कहलाए थे और शिव के ज्ञान को चारों तरफ ब्रह्मांड में फैलाया था।
आपको बताते चलें कि इस बार गुरु पूर्णिमा वाले दिन ही चंद्रग्रहण पड़ रहा है। ऐसे में चांद ग्रहण वाले दिन ही गुरु पूर्णिमा है। ऐसे में इस दिन खास पूजा पाठ की पंरपार है। इस दिन आप जिन्हें अपना गुरु मानते है उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में याद रखे पूजा 1: 30 से पहले ही कर ले वरना सूतक शुरु होने के बाद आप ऐसा नहीं कर पाएंगे।