भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) का जन्मदिन है। अमित शाह 54 साल के हो गए हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुवाई में बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ बहुमत हासिल किया। सत्ता में आते ही अमित शाह को भाजपा की कमान सौंपी गई। अमित शाह के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई दिग्गज नेताओं ने शुभकामनाएं दी है। शतरंज में मात देने वाले अमित शाह राजनीति में भी उसी तरह आगे निकले और चार साल में बीजेपी को 14 राज्य दे दिए। शतरंज की तरह राजनीति में बेजोड़ चाल चलने वाले अमित शाह के आगे विपक्ष की एक नहीं चलती है।
अमित शाह के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने लिखा है, ‘अमित भाई के नेतृत्व में पार्टी ने पूरे भारत में काफी विस्तार किया है। पार्टी के लिए उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई है। मैं उनकी लंबी और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लिखा है ‘अमित शाह जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। मैं इनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।’ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा है ‘अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने नई ऊंचाई को छूआ है। इनके स्कील और कड़े मेहनत के कारण सब हो पाया है।’ पार्टी में इनके जन्मदिन पर खूब जश्न मनाया जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी कार्यालय को सजाया गया है।
शतरंज के लिए किया ये काम
अमित शाह शतरंज के शानदार खिलाड़ी माने जाते हैं। उनका शतरंज के साथ गहरा लगाव है। पार्टी के नेता बताते हैं कि उनकी चाल के आगे कोई टिक नहीं पाता है। अपने स्कूल-कॉलेज लाइफ के दौरान अमित शाह ने शतरंज में उपलब्धि हासिल की है। यही कारण रहा कि इन्होंने शतरंज के लिए काफी काम किए। 2006 में वह गुजरात स्टेट चैस ऐसोसिएशन के चेयरमैन बनाए गए। इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद के सरकारी स्कूलों में शतरंज को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल करवाया। एक अध्ययन के अनुसार, इस प्रयोग के परिणामस्वरूप विद्यार्थी ज्यादा सजग बने, उनकी एकाग्रत का स्तर बढ़ा। वर्ष 2007 में पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह गुजरात स्टेट क्रिकेट ऐसोसिएशन के क्रमशः चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन बने तथा कांग्रेस के 16 साल के प्रभुत्व को समाप्त किया। इस अवधि में अमित भाई अहमदाबाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट के चेयरमैन भी रहे। इससे साफ दिख रहा है कि अमित शाह खेल प्रेमी हैं।
बीजेपी के पोल एजेंट बने
अमित शाह शुरू से ही नेतृत्व की क्षमता रखते हैं। सबसे पहले वह आरएसएस के साथ जुड़े फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और 1984 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने। यहीं से बीजेपी का काम करना शुरू किए। अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट बने। यहां पर इनकी नेतृत्वकारी क्षमता को देखकर उसी वार्ड के सचिव बनाए गए। इसके बाद अमित शाह लगातार बढ़ते चले गए। भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया और तत्पाश्चात् गुजरात भाजपा के राज्य सचिव एवं उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया। लाल कृष्ण आडवाणी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले अमित शाह सरखेज से विधानसभा का चुनाव लड़े और 25,000 मतों के अंतर से सीट जीतने में सफल रहे। 1998 में उन्होंने वही सीट पुनः 1.30 लाख मतों के अंतर से जीती। इस तरह वह 2013 में भाजपा का महासचिव बनें और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर भारत के 14 राज्यों पर परचम लहरा दिए।
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