29 अगस्त यानि आज राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2019) है। ये दिन हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उनकी जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। दुनिया भर में हॉकी के जादूगर नाम से प्रसिद्ध भारत के महान और कालजयी हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह जिन्होंने न केवल भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया बल्कि हॉकी को एक नई ऊंचाई तक ले गए। मेजर ध्यानचंद (Dhyan Chand Birth Anniversary) का जन्म 29 अगस्त, 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। क्रिकेट में जो स्थान डॉन ब्रैडमैन, फुटबॉल में पेले और टेनिस में रॉड लेवर का हैं, हॉकी में वहीं स्थान मेजर ध्यानचंद के नाम है।
21 साल की उम्र में उन्हें न्यूजीलैंड जाने वाली भारतीय टीम में चुन लिया गया। इस दौरे में भारतीय हॉकी सेना ने 21 मे से 18 मैच अपने नाम किये थे। 23 साल के ध्यानचंद पहली बार साल 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में पहली बार हिस्सा ले रहे थे। ओलंपिक में होने वाले 4 मैचों में भारतीय टीम ने 23 गोल किये थे। ध्यानचंद के बारे में एक बात मशहूर है कि उन्होंने हॉकी के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल किये थे।
साल 1932 में लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भारत ने अमेरिका पर 24/1 से बढ़त हासिल की थी। इस मैच में ध्यानचंद और उनके बड़े भाई रूप सिंह ने 8-8 गोल ठोंके। साल 1936 के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद भारतीय टीम के हॉकी कप्तान थे। 15 अगस्त 1936 को हुए फाइनल मैच में भारत ने जर्मनी को 8-1 से हराया था। मैच में उनकी शानदार हाजिरजवाबी को देखकर जर्मन का तानाशाह हिटलर भी उनके फैन हो गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने ध्यानचंद को जर्मन सेना में कर्नल पद पर शामिल होने का ऑफर भी दिया था। लेकिन ध्यानचंद ने ये कहकर इस बात से किनारा कर लिया कि, ‘हिंदुस्तान मेरा वतन है और मैं वहां खुश हूं.’
साल 1948 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया था। 1926 से 1948 तक उन्होंने अपने करियर में 400 से अधिक गोल दागे थे। 1956 में 51 वर्ष की आयु में ध्यानचंद सेवानिवृत्त हुए। विश्व हॉकी जगत के शिखर पर जादूगर की तरह छाए रहने वाले मेजर ध्यानचंद ने 3 दिसंबर को इस दुनिया से रुख़सती ले ली।
हॉकी के इस महान खिलाड़ी के मुरीद वैसे तो आपको दुनियाभर में मिल जाएंगे लेकिन देश की सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री मोदी भी मेजर ध्यानचंद के प्रशंसक बनने से खुद को नहीं रोक पाए थे। साल 2017 में किया गया उनका ये ट्वीट आज भी इस बात की गवाई देता है।
I pay tributes to the exemplary Major Dhyan Chand, whose legendary sporting skills did wonders for Indian hockey.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2017