Happy Birthday Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress President Rahul Gandhi) का जन्म नई दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल (Holy Family Hospital) में 19 जून 1970 को हुआ था। आज राहुल गांधी पूरे 50 वर्ष (Rahul Gandhi 50 years) के हो गए है। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंट इकॉनॉमिक्स में एम.फिल किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ सालों तक एक प्रबंधन कंपनी में काम भी किया। फिर वो भारत लौट आए।
सोनिया (Sonia) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के दो बच्चों में राहुल गांधी बड़े हैं। उनकी छोटी बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम जमाने की कोशिश कर रही हैं। नेहरू-गांधी परिवार में जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित हो चुके हैं। इस तरह से राहुल ने अपनी जिंदगी का अर्धशतक पूरा कर लिया है। कोरोना महामारी और चीन की ओर से किए गए हमले में 20 जवानों की शहादत के मद्देनजर राहुल गांधी इस बार अपना जन्म दिन नहीं मनाएंगे। हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के जन्मदिन के मौके पर गरीबों व जरूरतमंदों को राशन और भोजन वितरित करने का काम जरूर करेंगे।
कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से प्रदेश अध्यक्षों, प्रभारियों, विधायक दल के नेताओं, पार्टी के मोर्चा संगठनों एवं विभागों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शुक्रवार को नेता एवं कार्यकर्ता गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखें।
राहुल गांधी का राजनितिक करियर काफी उतार चढ़ाव से भरा रहा है। पहली बार राहुल गांधी ने 2004 में अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद की दहलीज पर कदम रखा। उन्होंने अमेठी लोकसक्षा क्षेत्र का 2009 और 2014 संसद में प्रतिनिधित्व किया। 2007 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके अलावा युवाओं को पार्टी से जोड़ने की उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। उन्हें कांग्रेस की छात्र इकाई यूथ कांग्रेस और राष्ट्रीय छात्र संघ के कामकाज को देखने के लिए कहा गया।
2013 में राहुल गांधी को पार्टी ने आगे बढ़ाने का फैसला किया। उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया और 11 दिसंबर 2017 को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। 2019 का आम चुनाव राहुल गांधी के लिए किसी झटके से कम साबित नहीं हुआ। उन्हें अपनी पारंपरिक सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से जीत का परचम लहाराया। भले ही राहुल गांधी को अमेठी सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा मगर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा केरल के वायनाड से बचा ली।
साल 2014 के आम चुनाव में यूपीए की करारी हार हुई। कांग्रेस पार्टी 44 सीटों पर सिमट गई। तब विरोधियों ने उन्हें सबसे ज्यादा निशाने पर रखा। हालांकि राहुल अमेठी की सीट बचाने में कामयाब रहे। लेकिन बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर दी। राहुल के 4,01,651 वोटों की तुलना में स्मृति को 3,00,748 वोट मिले। यहीं से लगने लगा कि अमेठी का किला राहुल के लिए खिसकने लगा है साथ ही कांग्रेस पार्टी का भी पतन इसी चुनावों के साथ शुरू हो चुका था।
देश में कांग्रेस पार्टी के लिए चल रहे कठिन दिनों में दिसंबर 2017 में राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। लोकसभा चुनाव 2019 में वो कांग्रेस को उबार नहीं पाए बल्कि कांग्रेस को फिर बुरी पराजय का सामना करना पड़ा है। खुद राहुल अमेठी से अपनी सीट नहीं बचा पाए। हालांकि वायनाड से सात लाख वोटों से कहीं ज्यादा अंतर से जीत के साथ वो लोकसभा में जरूर पहुंचने में कामयाब रहे।
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