महावीर जयंती 2019: अहिंसा परमो धर्म: का उपदेश देने वाले नायक को इस तरह के बधाई संदेश भेजकर करें अपनों को विश

17 अप्रैल को यानि आज पूरे देश में महावीर जयंती मनाई जा रही है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के 13वें दिन भगवान महावीर ने जन्‍म लिया था। जैन समाज के 24 तीर्थकर में से अंतिम तीर्थकर यानि भगवान महावीर हुए थे।

भगवान महावीर (फोटो क्रिएटेड-हिंदीरश)

सत्य’, अहिंसा’ धर्म हमारा
‘नवकार’ हमारी शान है
‘महावीर’ जैसा नायक पाया
जैन हमारी पहचान है…..
आप सभी को महावीर जयंती की बहुत सारी शुभकामनाएं

जैन समाज के चौबीस तीर्थकरों में से भगवान महावीर अंतिम तीर्थकर माने जाते हैं। माना जाता है की, चैत्र मास के 13वें दिन भगवान महावीर ने जन्‍म लिया था। भगवान महावीर सिर्फ जैन धर्म में ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक रहे हैं। सत्य और अंहिसा का मार्ग दिखाने वाले भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली में एक राजसी परिवार में 599 ईसा पूर्व हुआ था।

भगवान महावीर के बचपन का नाम ‘वर्धमान’ था। कहा जाता है कि इन्होंने 30 साल की उम्र में अपना घर परिवार छोड़ दिया था और दीक्षा लेने के बाद 12 साल तपस्या की। भगवान महावीर ने अपने नए सिद्दांतो के प्रतिपादन के साथ नए विचार, सत्य-असत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। इन्होने ही आगे चलकर एक संस्थागत धर्म की शुरुआत की जिसे जैन धर्म के नाम से जाने जाना लगा।

1.कैसे मनाया जाता है यह पर्व

जैन धर्म के लोग इस पर्व को बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मानते हैं। आज के दिन जैन मंदिरो में महावीर की मूर्तियों का जलाभिषेक करके उनको विशेष रूप से सजाया जाता है। जैनी लोग इस दिन जरुरतमंदो की सहायता करके तथा भोजन आदि का पंडाल लगाकर सेलिब्रेट करते हैं।  साथ ही भगवान महावीर की शोभा यात्रा निकालकर उनको पूरे शहर का भ्रमण कराया जाता हैं।

2.अहिंसा का पढ़ाया था पाठ

अहिंसा परमो धर्म: का संदेश पूरी दुनिया में फैलाने वाले भगवान महावीर के अनुयायी मानते हैं कि वर्धमान (उनके बचपन का नाम ) ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या करके अपनी इंद्रियों पर काबू पा लिया था। महावीर हमेशा ही सभी को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का ज्ञान दिया करते थे।

3.क्यों कहलाए तीर्थकर

मोक्ष की प्राप्ति हो जाने के बाद भगवान महावीर ने लोगों को पांच सिद्धांत के बारे में बताया। जो हमारे पूरे जीवन और आतंरिक शांति के लिए असल मायने में कारगर साबित हुए। ये पांच सिद्धांत इस प्रकार हैं, पहला अहिंसा, दूसरा सत्य, तीसरा अस्तेय, चौथा ब्रह्मचर्य और पांचवा व अंतिम सिद्धांत है अपरिग्रह।

गवान महावीर जयंती के मौके पर सोशल मीडिया पर भी खूब धूम देखने को मिल रही है। लोग एक दूसरे को महावीर के संदेशो और तस्वींर भेजकर उन्हें याद कर रहे हैं। ऐसे में हम भी आपके लिए ऐसे ही कुछ सन्देश लाए हैं जिसके द्वारा आप भी अपने करीबियों और रिश्तेदारों को महावीर जयंती की बधाई दे सकते हैं।

 

तृप्ति शर्मा :दो साल से मीडिया जगत में काम कर रही हूं। हर दिन कुछ नया करने की जिद है। वीडियो एडिटिंग के साथ ही फिल्मी खबरें लिखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। कुछ और बेहतर होगा इसी उम्मीद के साथ मैं हिन्दी रश डॉट कॉम के साथ जुड़ी हूं।