Covid-19: कोरोना वायरस के चलते पूरा देश परेशान है। दिनों दिन देश में कोरोना से संक्रमित मामले बढ़ते जा रहे है। अब तक देश में कोरोना के 15 हजार से ज्यादा संक्रमित मामलें सामने आ चुके है। इस महामारी में डॉक्टर और पुलिस वालों का सबसे ज्यादा सहयोग है। जो दिन रात देश के इस कोरोना के जंग में अपना पूरा सहयोग दे रहे है। इस बीच स्वास्थ्यकर्मियों या किसी कोरोना वायरस से पीड़ित के साथ देश में बहुत दुर्व्यवहार किया जा रहा है। दरअसल, चेन्नई में पिछले कुछ दिनों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमे कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को जब दफनाने के लिए ले जाया गया, तो लोगों ने कब्रिस्तान के पास ही हंगामा शुरू कर दिया और शव को दफनाने नहीं दिया।
बता दे, चेन्नई में सोमवार को जब एक डॉक्टर के शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले गए, तो वहां पर 50 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ ने एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया, बता दें कि इस 55 वर्षीय डॉक्टर की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है। कब्रिस्तान के बाहर इतनी भीड़ जमा हो गई की पुलिस कर्मी भी आखिरी में हार मान लिए और डॉक्टर के घर वालों से शव को किसी और कब्रिस्तान में ले जाने को बोला। जिसके बाद अब इस मामले में पुलिस की ओर से 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन, हथियार से हमला करने, सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के खिलाफ केस दर्ज किया है।
हलाकि यह पहली बार नहीं है जब किसी राज्य से ऐसी खबर सामने आई हो, कुछ दिनों पहले भी 13 अप्रैल को एम्बातुर के नागरिकों ने कब्रिस्तान के बाहर हंगामा किया था। उस समय भी एक 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो गई थी और उसे जब कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले गए तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। तब भी पुलिस और स्थानीय प्रशासन की सहायता से डॉक्टर के शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में दफनाया गया था। आएदिन देश के अलग-अलग कोने से ऐसी खबर सामने आरही है जहा कोरोना पीड़ित के शवों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
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