International Tiger Day 2019: जानिए कब हुई थी प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत? विलुप्त हो चुकी हैं ये 3 प्रजातियां

हर साल 29 जुलाई को 'अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस' (International Tiger Day 2019) मनाया जाता है। 'अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस' पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि भारत में 2014 के मुकाबले 741 बाघ बढ़े हैं।

भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 2,967 हो चुकी है। (फोटो- ट्विटर)

बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ (International Tiger Day 2019) मनाया जाता है। भारत में बाघों की संख्या में पिछले 12 साल में लगातार इजाफा हुआ है। साल 2006 में भारत में 1411 बाघ थे। 2010 की गणना में भारत में 1706 बाघ पाए गए। 2014 में 2226 बाघ और 2018 की गणना में देश में 2967 बाघ पाए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बाघों की संख्या से जुड़े आंकड़े जारी किए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत बाघों के लिए सबसे बड़ा और सुरक्षित स्थान है।

2010 से मनाया जा रहा है ‘इंटरनेशनल टाइगर डे’

पीएम मोदी ने बताया कि साल 2010 में रूस के सेंट पीट्सबर्ग में आयोजित सम्मेलन में जब ‘इंटरनेशनल टाइगर डे’ की शुरूआत हुई थी, तो दुनियाभर में 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। भारत ने चार साल पहले ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया।

1973 में इंदिरा गांधी ने शुरू किया था ‘प्रोजेक्ट टाइगर’

बाघों की घटती संख्या और उनके संरक्षण को लेकर साल 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की शुरूआत की थी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक देश में करीब 50 टाइगर रिजर्व बनाए जा चुके हैं।

बाघों की यह 3 प्रजातियां हो चुकी हैं विलुप्त

आपको जानकर हैरानी होगी कि जावन टाइगर, बाली टाइगर और कैस्पियन टाइगर की प्रजाति दुनिया से विलुप्त हो चुकी है। इस समय दुनियाभर में बंगाल टाइगर, मलायन टाइगर, सुमात्रन टाइगर, इंडोचाइनीज टाइगर और साइबेरियन टाइगर प्रजाति ही शेष रह गई है।

1915 में बाघों की संख्या 1 लाख से ज्यादा थी

बता दें कि 1915 में दुनिया में बाघों की संख्या एक लाख से ज्यादा थी। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के मुताबिक, दुनिया में अब करीब 3900 बाघ ही बचे हैं। बाघों के अवैध शिकार, घटते वन क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन की वजह से बाघों की संख्या में कमी आई है।

मध्य प्रदेश में पाए गए सबसे ज्यादा बाघ

देश में बाघों की अधिकतर संख्या वाले राज्यों की बात करें तो 2018 की गणना में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ पाए गए। यहां 526 बाघ हैं। इसके बाद कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। यहां 524 बाघ पाए गए। 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।