आज पूरा देश करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) की 20 एनिवर्सरी मना रहा है। आज ही के दिन 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध हुआ था। भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की थी और पाकिस्तानी सेना को घेर लिया था। भारत पाकिस्तान के बीच आखिरी बार हथियारों के साथ करगिल में ही युद्ध हुआ। दोनों देश के परमाणु शक्ति बनने के बाद यह पहला युद्ध था। यहां हम आपको बता रहे हैं करगिल युद्ध से जुड़ी कुछ खास बातें।
मई 1999 पहले हफ्ते करगिल के पहाड़ो में स्थानीय लोगों ने संदिग्ध गतिविधिया देखा। उन्होंने भारतीय सेना को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सेना ने वहां तालाशी अभियान चलाया और वहां की कुछ पहाड़ियों में घुसपैठियों को देखा।
पहले पाकिस्तान ने मना किया
शुरुआती मुठभेड़ में भारतीय सेना को लगा कि ये घुसपैठिये और आतंकवादी किसी जिहादी संगठन के हैं लेकिन जब सेना ने जानकारी निकाली, तो पता चला की वह पाकिस्तानी सेना के जवान थे। हालांकि पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) ने इसे करगिल में अपने सैनिकों के घुसने की इस जानकारी को खारिज किया। इसके बाद भारतीय सेना ने करगिल में घुसे पाकिस्तानी सेना के जवानों को मार गिराया और बाद में उन्हें अंतिम संस्कार के तहत जला दिया।
रॉ के पास था पाकिस्तानी सेना के युद्ध में शामिल होने के सबूत
इसके बाद करगिल युद्ध और बढ़ गया। पाकिस्तानी सेना बमबारी करना शुरू कर दी। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ और उनके एक आर्माी ऑफिसर की बीच हुई हमला करने की बात को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने टेप कर लिया। इसके बाद सबके सामने आ गया कि पाकिस्तान प्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध को बढ़ा रहा है।
तोलोलिंग पहाड़ी से फतेह करने से जीत हुई थी पक्की
इधर भारतीय सेना(Indian Army) ने करगिल में पाकिस्तानी सेना पर दवाब बना दिया। भारतीय सेना ने अपने और जवानों को करगिल की पहाड़ियों पर भेजा। भारतीय सेना की टीम बोफोर्स फिल्ड गन्स और बम से हमला किया। यह भारत और पाकिस्तान का सबसे लंबा और हथियार के इस्तेमाल वाला वॉर कहलाया। पाकिस्तानी सेना तोलोलिंग पहाड़ियों तक पहुंच गई थी। जहां से श्रीनगर-करगिल-लेह हाइवे और बहुत जगहों को पाकिस्तानी सेना ने निशाना बनाया। लेकिन भारतीय सेना ने इस पाकिस्तानी सेना को यहां भी धूल चटाई और 13 जून 1999 को फिर से अपने कब्जे में लिया।
भारतीय वायु सेना और जल सेना ने किया सपोर्ट
करगिल युद्ध शुरुआत में भारतीय सेना ने लड़ाई की बाद में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) और भारतीय जल सेना ने अहम भूमिका निभाई। भारतीय वायु सेना ने ऊंची-ऊंची पहाड़ियों में छुपे पाकिस्तानी सेना के जवानों पर बम बरसाए। लेकिन वायु सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल को क्रॉस नहीं किया। भारतीय जल सेना ने अरब सागर में पेट्रोलिंग शुरू की और पाकिस्तानी पोर्ट्स का रास्ता रोक दिया था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बाद में खुलासा किया कि भारतीय जल सेना के इस कदम से पाकिस्तान में ईंधन खत्म होने वाला था। पाकिस्तान के पास मात्र 6 दिन का तेल बचा हुआ था।
भारत ने अपनाई ये कूटनीति
सेना के हमले के साथ-साथ भारत ने कूटनीतिक कदम भी उठाए और पाकिस्तान (Pakistan) की इस हरकत को इंटरनेशल स्तर पर साबित किया। पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों और चीन के पास भारत के खिलाफ अपील की। लेकिन पाकिस्तान को कहीं से सपोर्ट नहीं मिला और कई देशों ने उसे अपनी सेना वापिस बुलाने की नसीहत दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने नवाज शरीफ से साइन करवाया स्टेटमेंट
जुलाई की शुरुआत में संयुक्त राज अमेरिका ने करगिल पाकिस्तान को सेना हटाने का वादा लिया। पाकिस्तान के तत्कालिक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जुलाई की शुरुआत में अमेरिका और अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की, जिन्हें खबर मिली थी कि पाकिस्तान भारत पर हमला करने के लिए परमाणु बम का का इस्तेमाल कर सकता है। बिल क्लिंटन ने नवाज शरीफ से करगिल बिना किसी शर्त के सेना हटाने का बयान दिलवाया और स्टेटमेंट साइन करवाई।
3 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
हालांकि इसके बाद भी कई दिनों तक युद्ध चलता रहा और पूरी पहाड़ियों से पाकिस्तानी घुसपैठियों को साफ करती गई। भारत (India)ने 26 जुलाई 1999 को करगिल पर पूरी तरह से विजय पा ली। इस युद्ध में पाकिस्तान के 3000 जवान मारे गए थे, जबकि भारतीय सेना के 500 जवान शहीद हुए थे और सैंकड़ों जवान घायल हुए थे।
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