उत्तरायण (Uttarayan) के उपलक्ष्य में गुजरात में हर साल अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival) मनाया जाता है। इसमें देश- विदेश के पतंगबाज हिस्सा लेने आते हैं। यह महोत्सव मकर संक्रांति से लगभग एक सप्ताह पहले शुरू होता है। इस बार भी अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन 6 जनवरी से शुरू हुआ है जोकि 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति तक चलेगा।
अक्सर माता-पिता बच्चों को सुबह पांच बजे उठाकर स्कूल के लिए भेजते हैं लेकिन मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन माता-पिता अपने बच्चों के सुबह जल्दी उठाते हैं और नहाने के बाद पतंग उड़ाने के लिए बोलते हैं। गुजरात में पूरा वातावरण बहुत ही सुंदर होता है। पूरा परिवार छत पर एक साथ होता है और पतंग उड़ाते हैं। इस दौरान वे लड्डु, उंधियु या सुरती जामुन बनाकर खाते हुए पूरा दिन बिताते हैं। इतना ही लोग एक-दूसरे के घर पर जाकर बधाईयां देते हैं और पतंग उड़ाते हैं।
पतंगाबाजी के लिए विदेशों से आते हैं लोग
इस बार पतंग महोत्सव में इंग्लैंड, ब्राजील, बेलारुस, अर्जेटीना, स्विजरलैंड,आस्ट्रेलिया, चीन और बेल्जियम जैसे 45 देशों के 150 पतंगबाज हिस्सा ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के दौरान आसमान में रंग-बिरंगे और अलग-अलग आकार एवं डिजाइन की पतंगे उड़ते दिखाई देती है।
गुजरात के अहमदाबाद में 1989 से उत्तरायण के मौके पर अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन पतंग बनाने वाले और पतंग उड़ाने वाले अपनी अनोखी पतंगों को लेकर आते हैं। पिछले कुछ वर्षो में मलेशिया के पतंग बनाने वाले अपनी वाउ-बालंग काइट्स, इंडोनेशिया से लायंग-लायंघेव, जापान से रोक्कु काइट, चीन से ड्रैगन काइट लेकर आते हैं।
क्या है उत्तरायण
उत्तरायण भगवान सूर्य की एक दशा होती है। उत्तरायण के दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करता है। ‘उत्तरायण’ का शाब्दिक अर्थ है – ‘उत्तर में गमन’।इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं व गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। इसे उत्तरायण कहते हैं।
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