सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। रंजन गोगोई की नियुक्ति पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। रंजन गोगाई का कार्यकाल नवंबर 2019 तक रहेगा। 2 अक्टूबर को मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल खत्म होगा।
रंजन गोगोई के वकालत से लेकर जज तक के सफर की कहानी बेहद रोचक है। अहम फैसले लेने के साथ-साथ वे विवादों में भी जुड़े रहे हैं। तो आइए हम उनके बीते कल की कहानी को जानते हैं।
- रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 में असम में हुआ था।
- रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बॉस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की।
- इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई पूरी की।
- असम के पूर्व सीएम मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए दाखिल कराया था।
- 1978 में उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी।
- 2001 फरवरी के महीने में रंजन गोगोई गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त हुए थे।
- 2011 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बने।
- अप्रैल 2012 में वह सुप्रीम कोर्ट आए।
- रंजन गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर के पहले शख्स होंगे।
जब दीपक मिश्रा के विरोध में उतरे गोगोई…
रंजन गोगोई उन चार जजों में से एक जज हैं जो मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ में उतरे थे। इन चार जजों ने जनवरी में दीपक मिश्रा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की आलोचना की थी कि वह मामलों के आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के मास्टर ऑफ द रोस्टर होने के अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। लेकिन मामला तो तब उल्ट पड़ा गया जब केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को एक खत लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम पूछा गया।
हालांकि दीपक मिश्रा चाहते तो किसी अन्य जज का नाम ले सकते थे लेकिन उन्होंने तमाम विरोध वाली बात को दरकिनार कर उनके बाद सबसे सीनियर जस्टिस रंजन गोगोई के नाम को मुख्य न्यायधीश के तौर पर भेजा यानी कि सिफारिश की। इसके बाद दीपक मिश्रा की खूब वाहवाही हो रही है।
NRC पर सुनवाई
इतना ही नहीं हाल ही में एनआरसी को लेकर खूब विवाद चला। इसको लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरा और सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए गए। इस मामले को लेकर फिलहाल सुनवाई चल रही है। और इस चर्चित मामले पर जस्टिस रंजन गोगोई सुनवाई कर रहे हैं।
आपको बता दें कि साल 1950 से अब तक देश में 45 मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। उसमें से एक दीपक मिश्रा भी रहे चुके हैं। और अब इस लिस्ट में रंजन गोगोई का नाम भी शामिल हो जाएगा। साथ ही इनके नाम के साथ बाकि वरिष्ठ जज भी सहमत दिख रहे हैं।
Written By- Deepakshi Sharma