Kumbh Mela 2019: मकर संक्रांति के दिन शाही स्नान से धुलते हैं पूर्वजों के पाप, जाने क्या कहा गया है शास्त्रों में

प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। इस बार प्रयागराज में अर्द्ध कुम्भ का मेला लगेगा। यह मेला मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2019) के दिन से शुरू होता है। यहां करोड़ों की तदाद में श्रद्धालु आते हैं और स्नान करते हैं।

मकर संक्रांति के शाही स्नान से शुरू होगा कुम्भ मेला।

इस बार का ‘कुम्भ मेला’ (Kumbh Mela 2019) बहुत ही खास होने वाला है। उत्तर प्रदेश में लगने वाला कुम्भ मेला इस बार इलाहाबाद (Allahabad Kumbh) में नहीं, बल्कि प्रयागराज में लगेगा। जी, हां प्रयागराज में। दरअसल उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कई जगहों के नाम बदलें। सबसे पहले मुगल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदल प. दीन दयाल उपाध्याय किया। इसके बाद इलाहाबाद को बदल कर प्रयागराज। इतना ही नहीं, योगी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या रखा।

खैर, यहां हम प्रयागराज कुम्भ मेला (Prayagraj Kumbh Mela 2019) के बारे में बता रहे हैं। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। इस बार प्रयागराज में अर्द्ध कुम्भ का मेला लगेगा। यह मेला मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2019) के दिन से शुरू होता है। यहां करोड़ों की तदाद में श्रद्धालु आते हैं और स्नान करते हैं। श्रद्धालुओं के स्नान से पहले शाही अखाड़े और साधु संत स्नान करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु-संत और ऋषि यहां बनाए गए पंडालों और शिविरों में मंत्रोच्चार करते हैं। भजन-गीत गाते हैं और हवन करते हैं।

संगम पर पूजा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी…

शास्त्रों में कहा गया 
मत्स्य पुराण में महर्षि मारकण्डेय ने युधिष्ठर ने इस स्थान को सबसे सुरक्षित बताया है। उन्होंने युधिष्ठर को बताया कि यहां एक महीने तक रहने, ब्रह्मचर्य धारण करने और अपने पूर्वजों-पितरों को तर्पण करने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं। यहां स्नान करने वाला व्यक्ति अपनी 10 पीढ़ियों को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त कर देता है और मोक्ष प्राप्त कर लेता है। यहां केवल तीर्थयात्रियों की सेवा करने से भी व्यक्ति को मोह-माया से छुटकारा मिल जाता है।

कुम्भ मेला में 50 दिनों की होंगे 6 स्नान
प्रयागराज कुम्भ मेला (Prayagraj Kumbh Mela) लगभग 50 दिनों तक यानि चार मार्च तक चलेगा। इस दौरान 6 स्नान होंगे। पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को होगा। इसे पहला शाही स्नान भी बोला जाता है। इसके बाद पौष पूर्णिमा के दिन यानि 21 जनवरी को दूसरा स्नान होगा। 4 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा शाही स्नान होगा। तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी के दिन 10 फरवरी को होगा। इसके बाद माघी पूर्णिमा के दिन 11 फरवरी को स्नान होगा। महाशिवरात्रि के दिन 4 मार्च को आखिरी स्नान होगा।

 

सरकार देती है सुविधाएं
भारत के आजाद होने के बाद कुम्भ मेला को आयोजित करने में कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार तीर्थयात्रियों को सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था, बेहतर यातायात व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था एवं चिकित्सा सेवायें की उपलब्धता दे रही है। इसके अलावा इस बार सरकार ने प्रयागराज के 200 किमी की दूरी से आने जाने वाली बसों में ट्रेनों के बराबर टिकट करने की तैयारी कर रही है।। श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाने और यहां से ले जाने के लिए 6,500 बसों की व्यवस्था की गई है।

 

यहां देखिए कुंभ मेला से जुड़ी वीडियो…

 

यहां देखिए कुंभ मेला से जुड़ी तस्वीरें…

 

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।