Makar Sankranti 2019: मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि तक, जानिए कितनी बार होते हैं कुंभ के शाही स्नान?

Makar Sankranti 2019: 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2019) से प्रयागराज (पूर्व इलाहाबाद) में कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है। ये हैं इस बार के शाही स्नान (Shahi Snan Kumbh Mela 2019) की तिथियां।

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Makar Sankranti 2019: मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि तक, जानिए कितनी बार होते हैं कुंभ के शाही स्नान?
कुंभ मेले को लेकर यूपी सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

Makar Sankranti 2019: आस्था और अध्यात्म को अगर भारत की नींव कहा जाए तो यह जरा भी गलत नहीं होगा। 33 करोड़ देवी-देवताओं को मानने वाले इस देश में पूजा-पाठ, तीज-त्योहार, व्रत-ध्यान, मेला-मंदिरों का विशेष महत्व है। इसी तरह आस्था से जुड़े एक पर्व का नाम है कुंभ (Kumbh Mela 2019)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2019) के दिन से शुरू होने जा रहे कुंभ मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

कुछ ही दिनों में प्रयागराज (पूर्व इलाहाबाद) में आस्था और विश्वास का अटूट संगम देखने को मिलेगा। भव्य पंडाल, वैदिक मंत्रोच्चारण, धार्मिक अनुष्ठान मेले की शोभा बढ़ाएंगे। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ यूपी पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद हो चुकी है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से करीब लाखों लोगों के यहां पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। 50 दिन चलने वाले इस अर्द्ध कुंभ मेले में इस बार 6 शाही स्नान होंगे। नीचे देखिए सभी 6 शाही स्नानों की तिथियां…

1- मकर संक्रांति (14-15 जनवरी 2019, सोमवार और मंगलवार)

कुंभ में शाही स्नान की शुरूआत 15 जनवरी को मकर संक्रांति से होगी। पहले दिन होने वाले इस शाही स्नान को राजयोगी स्नान भी कहा जाता है। हर साल इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। पहले दिन कई प्रमुख अखाड़ों के संत शहर में शोभा यात्रा निकालते हैं और फिर शाही स्नान करते हैं। कई अखाड़ों के संत सभी स्नानों की तुलना में इस शाही स्नान का विशेष महत्व बताते हैं। इस दिन स्नान के बाद सूर्य को जल देकर चावल, उड़द की दाल और तिल को स्पर्श कर उसे दान करने की परंपरा है। कई राज्यों में इस दिन खिचड़ी और दही-चूड़ा खाने का भी रिवाज होता है।

2- पौष पूर्णिमा (21 जनवरी 2019, सोमवार)

इस साल पौष पूर्णिमा 21 जनवरी को है। इसी दिन से माघ महीने की शुरुआत होती है। इस दिन दूसरा शाही स्नान होगा। पौष पूर्णिमा से ही सभी शुभ कार्यों की शुरूआत होती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन स्नान के बाद ईश्वर के ध्यान और दान-पुण्य से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कल्पवास भी इसी दिन से प्रारंभ होता है।

3- मौनी अमावस्या (4 फरवरी 2019, सोमवार)

इस साल मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है। कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन तीसरा शाही स्नान होगा। कहा जाता है कि कुंभ के पहले तीर्थाकर ऋषभ देव ने तपस्या के बाद इसी दिन अपना मौन तोड़ा था और संगम में स्नान किया था। जिसके बाद से इसे मौनी अमावस्या कहा गया। इस दिन प्रयागराज में मेला लगता है। देश-विदेश से श्रद्धालु शाही स्नान के लिए आते हैं।

4- बसंत पंचमी (10 फरवरी 2019, रविवार)

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की पंचमी तिथ‍ि को ‘बसंत पंचमी’ का त्योहार मनाया जाता है। इस साल ‘बसंत पंचमी’ 10 फरवरी को है और चौथा शाही स्नान इसी दिन होगा। इस दिन से बसंत ऋ‍तु का आरंभ माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं। कई राज्यों में इस दिन पीली खिचड़ी या किसी भी प्रकार का पीले रंग का भोजन ग्रहण करने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि देवी सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय होता है। ‘बसंत पंचमी’ के दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है।

5- माघी पूर्णिमा (19 फरवरी 2019, मंगलवार)

पांचवा शाही स्नान माघी पूर्णिमा के दिन होता है। इस बार माघी पूर्णिमा 19 फरवरी को है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्वयं देवता स्वर्ग से धरती पर उतरे थे। इस दिन कल्पवास भी पूर्ण होता है। बताते चलें कि माघी पूर्णिमा को गुरू बृहस्पति की पूजा का विशेष महत्व है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का जिक्र है कि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजी में निवास करते हैं। कई पुराणों में माघ मास को भगवान विष्णु का ही स्वरूप बताया गया है।

6- महाशिवरात्रि (4 मार्च 2019, सोमवार)

कुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान भोलेनाथ के दिन यानी ‘महाशिवरात्रि’ के दिन होता है। इस साल ‘महाशिवरात्रि’ 4 मार्च को है। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था। कहा जाता है कि देवताओं को भी इस दिन का इंतजार होता है। दरअसल पुराणों के अनुसार, भोलेनाथ ने समुद्र मंथन से निकले विष को भी इसी दिन अपने कंठ में संचित किया था। इस दिन भोलेनाथ की बारात रूपी झांकी निकाली जाती है। आखिरी शाही स्नान होने की वजह से इस दिन लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए कुंभ पहुंचते हैं।

देखिए उत्तर प्रदेश में लगने वाले कुंभ मेले का वीडियो…

तस्वीरों में देखिए कुंभ मेले की तैयारियां…

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Story Author: राहुल सिंह

उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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