Lockdown 3.0: देश में कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन जारी किया गया हैं। संक्रमित मामलों को बढ़ता देख सरकार ने लॉकडाउन की अवधी बढ़ा दी हैं। अब लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ छूट दी गई हैं। इस बीच बीच प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थान या घर पहुंचाने का काम केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है। अब हालही में प्रवासी मजदूरों से यात्रा का किराया लेने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र पर निशाना साधा है।
बता दे, राहुल गांधी ने सोमवार को अपने ट्वीट में लिखा- “एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है. जरा ये गुत्थी सुलझाइए!”
यह भी पढ़े: शाहिद कपूर के सौतेले पिता और ईशान खट्टर के पिता राजेश खट्टर ने बेटे वनराज की पहली तस्वीर शेयर किए
एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है।
जरा ये गुत्थी सुलझाइए! pic.twitter.com/qaN0k5NwpG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2020
इससे पहले, देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी.’ कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया है।
Statement Of Congress President Smt. Sonia Gandhi
The Indian National Congress has
taken a decision that every Pradesh
Congress Committee shall bear the cost for the rail travel of every needy worker and migrant labourer and shall take necessary steps in this regard pic.twitter.com/kxruKa0xgI— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
सोनिया गांधी ने कहा है, ‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।
यहाँ देखे हिंदी रश का ताजा वीडियो: