Happy Lohri 2019: नवविवाहित महिलाओं के लिए खास होता है ये पर्व, परिवार-ससुराल से मिलती है ये खास चीज

लोहड़ी का पर्व महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। जिस तरह हिंदू धर्म में शादी के बाद पहली मकर संक्रांति को लोग कुछ उपहार और खाने के समान भिजवाते हैं, ठीक उसी तरह लोहड़ी में पंजाबी समुदाय के लोग नयी नवेली दुल्हन के लिए उपहार भिजवाते हैं और उपहार देते हैं।

पंजाब में लोहड़ी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

जिस तरह पूरे भारत में जनवरी के मिड में मकर संक्रांति(Makar Sankranti 2019) का त्यौहार मनाया जाता है, ठीक उसी तरह पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और सिख बहुल इलाको में लोहड़ी(Lohri 2019) का पर्व एक दिन पहले शाम को मनाया जाता है। लोहड़ी की शाम को पंजाबी धर्म के लोग आग जलाकर उसके चारों और घूमते हैं। ढोल-नगाड़े बजाकर नाचते गाते हैं। आग में रेवड़ी, मूंगफली, तिल, पॉपकोर्न और खील चढ़ाते हैं।

इस दौरान पंजाबी एक-दूसरे से हंसी-मजाक करते हुए मूंगफली, गजक, पॉपकॉर्न आदि खाते हैं। इसके अलावा वह आज के दिन मक्के की रोटी, सरसो का साग और तिल-गुड़ के लड्डु जैसे अच्छे पकवान बनाते हैं और खाते हैं। लोहड़ी की रात भर पंजाबी एक फेमस गाना गाते हैं..
सुंदर मुंदरिये! ….हो, तेरा कौन बेचारा, ….हो, दुल्ला भट्टी वाला, ….हो, दुल्ले घी व्याही, ….हो, सेर शक्कर आई, ….हो, कुड़ी दे बाझे पाई, ….हो, कुड़ी दा लाल पटारा, ….हो।

महिलाओं के लिए खास
लोहड़ी का पर्व महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। जिस तरह हिंदू धर्म में शादी के बाद पहली मकर संक्रांति (Happy Makar Sankranti) को लोग कुछ उपहार और खाने के समान भिजवाते हैं, ठीक उसी तरह लोहड़ी में पंजाबी समुदाय के लोग नयी नवेली दुल्हन के लिए उपहार भिजवाते हैं और उपहार देते हैं। इस तरह नवजात बच्चे की पहली लोहड़ी को लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। लोग ससुराल में रह रही अपनी बहन और बेटियों को घर बुलाते हैं।

लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी को करते हैं याद

दुल्ला भट्टी पंजाब के रहने वाले थे। उनका नाम राय अब्दुल्ला खान था। दुल्ला भट्टी को रॉबिनहुड कहा जाता था। 16वीं शताब्दी में जब मुगलों का अत्याचार बढ़ रहा था, तब वह उनके जमींदारों और सैनिकों से समान लूटकर गरीबों में बांटते थे। इतना ही नहीं उन्होंने मुगलों के चुंगल में फंसी लड़कियों को बचाया और उनकी शादियां करवाईं।

देखिए लोहड़ी का यह वीडियो…

देखिए एमी विर्क की तस्वीरें…

 

 

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।