Maharishi Dayanand Saraswati Jayanti 2020: महार्षि दयानंद सरस्वती (Maharshi Dayanand Saraswati) की जयंती 18 फरवरी को मनाई जाती है। महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक थे जिन्होंने भारत को जोड़ने का काम किया।
स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था। पंचांग के आधार पर फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर आर्य समाज के संस्थापक और आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की जयंती मनाई जाती है।
स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन से जुड़ी खास बातें:
स्वामी दयानंद सरस्वती के बचपन का नाम मूलशंकर था। मूल नक्षत्र में पैदा होने और भगवान शिव में गहरी आस्था रखने के कारण इनके माता-पिता ने इनका नाम मूलशंकर था।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्म में फैली बुराईओं और अंधविश्वास का खण्डन किया।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। सरस्वती ने ‘स्वराज’ का नारा दिया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया।
दयानंद जी ने देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज को उठाया। वे जातिवाद और बाल-विवाह के खिलाफ थे। इसके आलावा उन्होने दलित उद्धार और स्त्रियों की शिक्षा के लिए कई तरह के आंदोलन किए।
स्वामी दयानंद सरस्वती जी की देहांत सन् 1883 को दीपावली के दिन संध्या के समय हुआ।
Comments
Anonymous
Your Message जान लेने वाले का हक सिरफ भगवान को है इंसान को नही 4 को उमर कैद की सजा दे दो बस जान मत लो
Anonymous
Your Message अगर गुनाह किया है तो उसकी सजा फाँसी नही होनी चाहिए उमर कैद होनी चाहिए दुनिया मेँ जीने का हक सब