Mahatma Gandhi Death Anniversary: बापू की इन बातों पर बेताब हो जाता था जन सैलाब, आज भी हैं अमर

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने विचारों से दुनिया को एक नई दिशा दी, एक नया मार्ग दिखाया। बापू ने अपनी बातों के दम पर अंग्रेजी हुकूमत की मजबूत जड़ों को भी हिला कर रख दिया था।

महात्‍मा गांधी की तस्वीर

Mahatma Gandhi Death Anniversary:  राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने विचारों से दुनिया को एक नई दिशा दी, एक नया मार्ग दिखाया। बापू ने अपनी बातों के दम पर अंग्रेजी हुकूमत की मजबूत जड़ों को भी हिला कर रख दिया था। बापू की बातों का असर कुछ इस कद्र होता कि जन सैलाब कुछ भी कर गुजरने को बेताब हो जाता था। उनकी अनमोल बातों ने हर किसी को प्रेरणा देने का काम किया।ण्‍यतिथि के मौके पर हम आपको उनकी कही गई कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो समाज को सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी। बापू की पुण्‍यतिथि के मौके पर उनकी कुछ ऐसी बातें, विचार जो मानव जीवन को नई प्रेरणा देती हैं और आगे भी देती रहेगी।

अच्‍छी सोच इंसान को बेहतर बनाती है :

महात्मा गाँधी हमेशा कहते थे कि आदमी अपने विचारों से महान बनता है। वह जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है। बापू की ये बात आज भी प्रासंगिक है और आगे भी रहेगी। बापू ने लोगों से कहा कि अगर आप चाहते है दुनिया वैसी दिखे जैसा आप देखना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को बदलिए जैसा आप दुनिया में देखना चाहते हैं। गांधी जी का कहना था कि अगर आप दूसरों को अच्छी बातों का अनुसरण करने की बात कहते हैं तो सबसे पहले आप उन्हें खुद अपनाइए।

महात्‍मा गांधी की तस्वीर (फोटो: इंस्टाग्राम)

सत्‍य को भीड़ की जरूरत नहीं होती:

बापू ने कहा था इस दुनिया में सत्य बिना जन समर्थन के अकेला खड़ा रह सकता है। क्योंकि सत्‍य सर्वदा आत्मनिर्भर है। सच्चाई के लिए किसी तरह के जन समर्थन या भीड़ की जरूरत नहीं होती है। सच्‍चाई में इतनी शक्ति होती है कि वह आरोपों प्रत्‍यारोंपों के बीच एक मजबूत चट्टान और आत्मनिर्भर रहती है। सत्‍य परेशान हो सकता है किंत पराजित नहीं।

महात्‍मा गांधी की तस्वीर

अपनी गलती को स्वीकारना गंदगी साफ करने जैसा: 

बापू का पूरा जीवन सत्‍य और अहिंसा पर आधारित था। वह सदैव कहते थे कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। मेरा भगवान सत्य है और इसे पाने का साधन अहिंसा है। बापू इस बात पर हमेशा जोर देते थे कि आपको अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है। जो सतह को चमकदार और साफ कर देती है। बापू की यह बात आज भी उतनी प्रासंगिक है जितनी पहले थी और आगे भी रहेगी।

महात्‍मा गांधी की तस्वीर

मौन है सबसे सशक्‍त:

महात्मा गाँधी का मानना था कि आदमी का मौन सबसे सशक्त भाषण है। दुनिया धीरे-धीरे आप की बात को सुनेगी लेकिन आपको कुछ अलग करना होगा। अच्छा सोचो, लेकिन सोचो जरुर क्योंकि जैसा आप सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं। बापू खुश रहने और दूसरों को खुशी देने में हमेशा यकीन रखते थे। वह कहते थे कि खुशी ही एकमात्र ऐसी सेंट है जिसे अगर कोई दूसरों पर छिड़कता है तो कुछ बूंदें छिड़कने वाले पर भी अवश्य गिरेंगी।

lakhantiwari :मेरा नाम लखन तिवारी है और मैं एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के रूप में पिछले 6 वर्षों से काम कर रहा हूं. एंटरटेनमेंट की खबरों से खास लगाव है. बॉलीवुड की खबरें पढ़ना और लिखना दोनों ही पसंद है.