भारत देश के पिता के रूप में जो तस्वीर सबसे पहले हमारे दिमाग में आती है वो है महात्मा गांधी जी की। 30 जनवरी 2019 को उनकी पुण्यतिथि है। ऐसे में हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनकही बातों आपको बताने जा रहे हैं, जो शायद आप नहीं जानते होंगे। महात्मा गांधी का जन्म मोहनदास करमचंद गांधी जी के रूप में हुआ था। महात्मा की उपाधि उन्हें 1914 में दी गई थी। गांधी जी को भारत में बापू कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘पिता’। गांधी जी ने आजादी के साथ ही कई चीजों के लिए भी संघर्ष किया। उनमें महिलाओं के लिए नागरिक अधिकार, जाति व्यवस्था का उन्मूलन और धर्म की परवाह किए बिना सभी लोगों का बेहतर इलाज उपलब्ध करना शामिल थे।
महात्मा गांधी जी ने अछूतों और भारत की सबसे निचली जाति के साथ समानता और अच्छे व्यवहार करने की मांग की थी, और उन्होंने इसका समर्थन करने के लिए कई उपवास भी किए थे। उन्होंने अछूतों को हरिजन कहा, जिसका अर्थ है “ईश्वर की संतान। गांधी जी ने पांच साल तक फल, मेवे और बीज खाए लेकिन स्वस्थय से जुड़ी परेशानियों से जूझने के बाद वापस शाकाहारी व्यक्ति के रुप में बदल गए थे। गांधी जी ने दूध के प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल न करने की प्रतिज्ञा ली थी, हालांकि, उनके सेहत में गिरावट शुरू होने के बाद, उन्होंने बकरी का दूध पीना शुरू कर दिया। वह कभी-कभी अपने साथ बकरी को भी सफर पर ले जाया करते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दूध ताजा हैं।
गांधी जी और उनकी पत्नी को पहला बच्चा तब हुआ जब वह 15 साल के थे। उस बच्चे की कुछ दिन बाद मौत हो गई, लेकिन ब्रह्मचर्य का व्रत लेने से पहले उनके चार बेटे हुए थे। अहिंसा और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए पहचाने जाने के बावजूद, गांधी जी ने वास्तव में पहले विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के लिए लड़ने के लिए भारतीयों की भर्ती की। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी का विरोध किया। गांधी जी लंदन में लॉ स्कूल में पढ़ते थे और अपनी खराब लिखावट के लिए फैकल्टी के बीच फेमस थे। महात्मा गांधी की तस्वीर 1996 से भारतीय रुपये के सभी मूल्यवर्ग पर दिखाई देने लगी थी।
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