मकर संक्रांति को गुजरात में उत्तरायण, पंजाब में लोहड़ी पर्व, गढ़वाल में खिचड़ी संक्रांति और केरल में पोंगल के नाम से मनाया जाता है। सिंधी लोग इस त्यौहार को तिरमौरी कहते हैं। इस अवसर पर गुजरात समेत कई राज्यों में पंतगें उड़ाईं जाती हैं। वहीं इस त्यौहार के बाद कहा जाता है कि समय से दिन बड़े और रात छोटी होने के साथ ही मौसम ठड़ी से गर्मी की ओर बढ़ने लगता है।
शुभ मुहूर्त
पुण्य काल- 07: 19 से 12:30
कुल अवधि- 05 घंटे 11 मिनट
मकर संक्रांति महापुण्यकाल शुभ मुहूर्त- 07:19 से 09:02
कुल अवधि- 1 घंटा 43 मिनट
कब से शुरू होगी मकर संक्रांति
मकर संक्रांति 14 जनवरी 2019 को रात 20:05 से शुरू हो जाएगी। इसी के चलते इस बार 14 जनवरी को नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषों के अनुसार जब सूर्य धनु राशी से मकर राशी में प्रवेश करेगा तब मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस बार संक्राति पर किए जाने वाले दान और स्नान 15 जनवरी को करना है।
मकर संक्रांति के दिन कर सकते हैं ये काम
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का भी प्रसाद बाट सकते हैं। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इसी के साथ मकर संक्रांति के दिन कुछ महत्वपूर्ण काम जरूर करने चाहिए। कहते हैं इन कामों को करने से पुण्य मिलता है।
शास्त्रों के मुताबिक इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है। मान्यता है की ऐसा करने से मन की शुद्धि के लिए संगम तट पर तिल के तेल का दीपक जरूर जलाया जाना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन दान करने का भी महत्व बताया गया है। इस दिन लोग खिचड़ी, तिल, गुड, चावल, नीबू, मूली, उड़द दाल और द्रव्य का दान किया जाना चाहिए।
वहीं इस मौके पर लोग अपने घर पर हवन, अभिषेक, यज्ञ, नदियों में स्नान दान का महत्व काफी रहता है।
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