Makar Sankranti 2020 Date: मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है? जाने क्या है इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2020 Date, Time and History In India: मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस साल देशभर में 15 जनवरी को मनाया जायेगा। इसलिए शास्त्र नियम के अनुसार मध्यरात्रि में संक्रांति होने के वजह से पुण्य काल अगले दिन पर होता हैं। इस दिन सुबह उठकर सूर्य देवता को जल, तिल और लाल चन्दन अर्पणा करना अच्छा होता है।

Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस साल देशभर में 15 जनवरी को मनाया जायेगा। 15 जनवरी इसलिए क्योंकि देर रात 2.07 मिनट को सूर्य मकर राशि में आगमन करने वाला है। इसलिए शास्त्र नियम के अनुसार मध्यरात्रि में संक्रांति होने के वजह से पुण्य काल अगले दिन पर होता हैं। इस दिन सुबह उठकर सूर्य देवता को जल, तिल और लाल चन्दन अर्पणा करना अच्छा होता है।

आइये जानते इस त्यौहार के ख़ास पेहलू

पौष माश में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी हिन्दू मकर संक्रांति मनाते है। संक्रांत के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति होती है इसलिए इस त्यौहार को कहीं कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। माना जाता हैं कि इस भगवान सूर्य अपने पुत्र शानि से मिलने उनके घर जाते हैं जो कि शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं इसलिए इस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन जप, तप और दान ऐसी धर्म क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। इस दिन दिया हुआ दान सो गुना बढ़कर दिया है ऐसा माना जाता है। इस दिन तिल और गुड़ का दान करना शुभ होता है।

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मकर संक्रांति त्योहार विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है।

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन लड़की के घर उसके माता-पिता खिचड़ी के सारे सामान, दाल, चावल, तेल, सब्जी, नमक, हल्दी और सुहागन की सारी सामग्री बेटी को देते हैं। इस दिन खिचड़ी खाना या दान करना अच्छा माना जाता है।

पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है।

असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है।

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में मकर संक्रांत बहुत महत्व त्यौहार माना जाता है। इस दिन सुहागन औरतें, नमक, कपास और नमक आदि चींजे दूसरी औरतों को दान करती है। वैसे तो शास्त्रों में काला रंग अशुभ होता है लेकिन इस दिन महाराष्ट्र वासी काले कपडे पहनते है क्योंकि काले रंग से गर्मी मिलती है। इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर सगे-सम्बन्धी में बाटा जाता है। लड्डू देते समय कहते है, ‘तिल गुल घ्या आणि गोड़ गोड़ बोला” यानी तिलगुल लो और मीठा वाणी बोलो।

Makar Sankranti 2020 Date: मकर संक्रांति इस दिन मनाया जायेगा, जाने स्नान का समय और शुभ मुहूर्त

आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है।

गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है। सभी परिवार और दोस्त मिलकर इस त्यौहार का आनंद उठाते है। पूरा दिन छत पर पतंग उड़ाते हैं और वहीँ साथ में भोजन आदि करते है।

तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। भगवान् के सामने सारे अनाज प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। लोग नए कपडे पेहेनते है। घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है।

पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है। नाच गान किया जाता है। पूरा गांव इकट्ठा होकर इस जश्न मनाते हैं। इस दिन शादी का प्रस्तव भी दिया जाता है। इस दिन नए अनाज भी बोया जाता है।

मकर संक्रांति 2020 का शुभ मुहूर्त-

मकर संक्रांति 2020- 15 जनवरी
संक्रांति काल- 07:19 बजे (15 जनवरी)
पुण्यकाल-07:19 से 12:31 बजे तक
महापुण्य काल- 07:19 से 09: 03 बजे तक
संक्रांति स्नान- प्रात: काल, 15 जनवरी 2020