क्या आपने कभी सुना कोई लड़का प्रेग्नेंट हैं। या फिर बच्चे को जन्म देने वाला है। नहीं! लेकिन झारखंड के एक जिले में ऐसी घटना हुई है, जहां एक डॉक्टर ने दो लड़के को प्रेग्नेंसी (Male Pregnancy) का टेस्ट करवाने के लिए कहा और उन्हें पैथोलॉजिस्ट के पास जाकर अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भी कहा है। जी हां, आपने सही पढ़ा। यह मामला झारखंड के चतरा जिले का है। यहां के एक ब्लॉक सिमरिया में दो मरीज पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर ने उन्हें प्रेग्नेंसी का टेस्ट करवाने के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की पर्ची पर लिखकर दिया।
स्वास्थ्य केंद्र की इस पर्ची पर सिमरिया के चोरबोरा गांव के रहने वाले गोपाल गंझू का नाम लिखा है। जबकि दूसरी पर्ची कामेश्वर गंझू की है। इन दोनों मरीजों का डा. मुकेश कुमार ने ट्रीटमेंट किया और उपचार में प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाने के लिए कहा। इस परामर्श पर्ची पर एनएनसी (Antenatal Checkup) करवाने के लिए परामर्श दिया गया। इसके साथ-साथ उन्होंने परामर्श पर्ची पर एचआईवी, एचबीए (हिमोग्लोबीन ए-1 सी), एचसीसी (हैपोटोसेलुलर कार्सिनोमा) और सीबीसी (पूरे शरीर के खून की जांच) भी करवाने के लिए कहा।
यहां देखिए डॉक्टर के डिस्क्रिप्शन की पर्ची-
डॉक्टर ने ऐसे किया अपना बचाव
जब दोनों लड़के पैथोलॉजी सेंटर में जांच करवाने गए, तो पैथोलॉजिस्ट पर्ची देख कर अवाक रह गए। इसके बाद उन्होंने इन दोनों लड़कों को बताया की यह टेस्ट तो प्रेग्नेंसी की जांच करवाने का लिखा है। जब वह दोनों डॉक्टर के पास वापस गए और उन्हें इस बात की शिकायत की, तो उन्होंने इस बात को नकार दिया और कहा कि इस ओवरराइटिंग की गई है। हालांकि पर्ची में कहीं भी ओवर राइटिंग जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने की उन्हें बदनाम किया जा रहा है। लड़कों की एएनसी टेस्ट का उनके रजिस्टर में नहीं लिखा है। सिविल सर्जन डा. अरुण कुमार पासवान ने कहा मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच के आदेश दिए हैं और दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
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