19 साल पहले भारत को मजबूरन मसूद अजहर को करना पड़ा था रिहा, जानिए ग्लोबल टेररिस्ट होने का मतलब

संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है। आतंक के आका के ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।

कंधार विमान अपहरण मामले में भारत को मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। (फोटो- ट्विटर)

भारत की ओर से पिछले कई वर्षों से चलाई गई मुहिम आखिरकार 1 मई, 2019 को रंग लाई। संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकी’ घोषित कर दिया। यह वही आतंकी है जिसने भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले, पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले और पुलवामा में हुए आतंकी हमले से देश को कभी ना भुला पाने वाले गहरे जख्म दिए हैं।

भारत के लिए तो यह बड़ी जीत है ही, लेकिन अब इस जीत के साथ पाकिस्तान की कलई खुलती भी नजर आएगी। पड़ोसी मुल्क को अब ना चाहते हुए भी मसूद अजहर पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने बीते बुधवार को कई ट्वीट कर भारत की इस जीत पर परिषद में शामिल सभी स्थाई और अस्थाई देशों का शुक्रिया अदा किया।

पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जताई खुशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी मसूद अजहर के ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित किए जाने पर खुशी जाहिर की। भारत पिछले 10 साल से मसूद अजहर पर वैश्विक स्तर पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा था, लेकिन हर बार चीन अपनी वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर भारत की इन कोशिशों पर पानी फेर दे रहा था।

मसूद अजहर पर नकेल कसने को इस बार मिला चीन का साथ

इस बार चीन ने भी इस प्रस्ताव पर ऐतराज नहीं जताया, जिसके बाद मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने संबंधी प्रस्ताव पास हो गया। संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे देश भारत के इस प्रस्ताव का हमेशा से समर्थन करते आए हैं। यहां आपको यह भी बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने 17 अक्तूबर, 2001 को मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर भी प्रतिबंध लगाया था।

क्या होता है वैश्विक आतंकी घोषित होने का मतलब?

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद अगर किसी शख्स को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करती है तो उसके तहत एक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। सबसे पहले इसके लिए संयुक्त राष्ट्र के स्थाई देश (अमेरिका, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और रूस) और 10 अस्थाई सदस्य देशों में से कोई भी इससे जुड़ा प्रस्ताव पेश करता है। जिसके बाद उस प्रस्ताव पर वोटिंग होती है। गौरतलब है कि वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने को लेकर स्थाई देशों की सहमति जरूरी होती है। ऐसा ना होने की दशा में प्रस्ताव स्वतः खारिज हो जाता है। किसी भी शख्स के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति के प्रस्ताव 1267 में उसका नाम दर्ज कर दिया जाता है।

मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद अब क्या होगा?

संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी करार दिए जाने के बाद अब मसूद अजहर की संपत्तियां जब्त की जाएंगी। जिस देश में मसूद की संपत्ति होगी उसे तत्काल प्रभाव से जब्त किया जाएगा। मसूद के आर्थिक संसाधनों को भी जब्त किया जाएगा। उसे किसी भी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिल सकेगी। मसूद अजहर के दूसरे देशों में यात्रा करने पर बंदिशें लगेंगी। वैश्विक आतंकी घोषित हो चुके शख्स को कोई भी देश अपनी सीमा में दाखिल नहीं होने देता है। अब कोई भी देश उसे हथियार नहीं मुहैया कराएगा। मसूद के साथ हथियारों की खरीद-फरोख्त की सभी डील्स को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा।

क्या था कंधार विमान अपहरण मामला?

गौरतलब है कि आतंक के आका मसूद अजहर को साल 1994 में भारत ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद तमाम आतंकी संगठन उसे छुड़ाने की कोशिश में जुट गए। हरकत-उल-मुजाहिद्दीन नाम के आतंकी संगठन की यह कोशिश साल 1999 में सफल भी हो गई। संगठन के 5 हथियारबंद आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी- 814 को हाईजैक कर लिया था। विमान में 178 यात्री सवार थे। उस प्लेन को कंधार ले जाया गया। आतंकियों ने यात्रियों को रिहा करने के बदले भारतीय जेल में बंद 3 आतंकियों को रिहा करने की मांग की थी, उनमें से एक मसूद अजहर भी था। भारत को मजबूरन इन आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। इसके बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया।

ये था मसूद अजहर को लेकर चीन का प्लान

चीन फिलहाल नहीं चाहता था कि मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करे। उसकी कोशिश थी कि भारत में चल रहे लोकसभा चुनावों के बाद इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए। अमेरिका ने इस प्रस्ताव को लेकर 30 अप्रैल की डेडलाइन रखी थी। चीन ने 6 मई डेडलाइन रखने की बात कही थी। अमेरिका इसपर तैयार नहीं हुआ और 1 मई की तारीख इसके लिए तय कर दी गई। चीन डेडलाइन बढ़ाने में नाकाम रहा। मजबूरन उसे इस प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ा और 1 मई, 2019 को मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित कर दिया गया।

पाकिस्तान ने पहली बार माना कि उनके देश में है मसूद अजहर

जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को लेकर अब पाकिस्तान के माथे पर बल पड़ने शुरू हो गए हैं। पाकिस्तान हमेशा से कहता आया है कि मसूद अजहर उनके देश में नहीं है, लेकिन हाल ही में पड़ोसी मुल्क के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने माना था कि भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक मसूद अजहर उनके देश में है। उन्होंने बताया था कि मसूद बीमार है और उसका इलाज चल रहा है। हालांकि मीडिया में इन खबरों को दिखाए जाने के बाद मसूद अजहर के संगठन की ओर से अपने आका के बीमार होने की खबरों का खंडन भी कर दिया गया था।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।