#MeToo अभियान पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता कही जा सकती है। खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (Union Minister MJ Akbar) ने इस्तीफा दे दिया है। एमजे अकबर पर बीस से अधिक महिलाओं ने यौन शोषण पर आरोप लगाया। इसके बाद एमजे अकबर के इस्तीफे की मांग तेजी से हो रही थी। बुधवार को मोदी सरकार को इन्होंने इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि एमजे अकबर की ओर से हाल ही में दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि केस दर्ज कराया गया है। इनके केस करने के बाद पीड़िता को और ज्यादा समर्थन मिलने लगा। उधर, तनुश्री दत्ता केस के बाद आरोपी नाना पाटेकर पर भी कानूनी कार्रवाई तेज हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय राज्य विदेश मंत्री एमजे अकबर ने मोदी सरकार को इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा किया। इस्तीफा देने के बाद एमजे अकबर ने कहा कि वे न्याय की लड़ाई व्यक्तिगत स्तर पर लड़ेंगे। उनको कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस न्याय की लड़ाई को जारी रखेंगे। एमजे अकबर पर आज से करीब दस दिन पहले यौन शोषण के आरोप लगने शुरू हुए। एक के बाद एक आरोप लगे और बीस महिला पत्रकारों ने आरोप लगाए। दरअसल, ये मामले 10-15 साल पहले के हैं जब एमजे अकबर मीडिया से जुड़े थे।
इतने वकील लड़ेंगे केस
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपराधिक मानहानिका मुकदमा दायर किया है। सोमवार को दिल्ली पटियाला हाई कोर्ट में अकबर केस की पैरवी 97 वकीलों के द्वारा की जाएगी। केस की पैरवी ‘करनजावाला एंड को’ लॉ फर्म करेगी। मीडिया खबरों की मानें तो इस फर्म के 97 वकीलों की टीम एमजे अकबर के केस पर काम कर रही है। हालांकि, लॉ फर्म का कहना है कि इनमें से सिर्फ छह वकील ही कोर्ट में अकबर का पक्ष रखेंगे। उधर, एमजे अकबर की कार्रवाई के बाद पीड़िता प्रिया रमानी ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘मैं अपने खिलाफ मानहानि के आरोपों पर लड़ने के लिए तैयार हूं। सच और सिर्फ सच ही मेरा बचाव है।’
देखें वीडियो…