#MeToo अभियान की चपेट में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार भी फंसते नजर आ रहे हैं। एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन (Sruthi Hariharan) ने अर्जुन सरजा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है। अब इसके आधार पर पुलिस अर्जुन सरजा (Arjun Sarja) को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। बेंगलुरु सिटी पुलिस की ओर से गैर जमानती केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक शनिवार को कब्बन पार्क सिटी पुलिस स्टेशन में श्रुति हरिहरन ने केस दर्ज कराया। पुलिस इस मामले को लेकर जांच-पड़तला शुरू कर दी है। घटना से जुड़े लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके बाद पूछताछ किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में श्रुति हरिहरन ने सोशल मीडिया के जरिए इस मामले को उजागर किया था। 2015 में विषमया (तमिल फिल्म) की शूटिंग के दौरान घटी घटना का जिक्र किया था। इसके आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 354, 354 ए और 509 के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं के अंतर्गत जमानत नहीं मिल सकता है। महिला के साथ जबरदस्ती करने, शोषण करने और आपत्तिजनक शब्द प्रयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। अब देखना है कि पुलिस की ओर से अर्जुन सरजा से कब पूछताछ की जाती है। अर्जुन की मुश्किल बढ़ती दिख रही है।
अभिनेत्री श्रुति की दास्तान
साउथ की मशहूर फिल्म अभिनेत्री श्रुति ने मी टू पर आवाज बुलंज करते हुए फेसबुक पर लिखा, ‘यह घटना 2015 की है। मैं और अर्जुन एक फिल्म शूट कर रहे थे। मैं पत्नी का रोल कर रही थी। हालांकि कुछ दिन तक सब ठीक ठाक चला लेकिन बाद में अर्जुन गंदी-गंदी हरकत करने लगे। वह मुझे कभी जकड़ लेते तो कभी मेरे बॉडी के संवेदनशील हिस्सों को छूते थे। यहां तक की रिहर्सल के दौरान वह मेरे पीछे वाले हिस्से को सहलाते थे। मेरे साथ 50 लोग सेट पर थे। वर्कप्लेस पर ऐसा काम करना बिलकुल गलत है। अर्जुन पूरी तरह से अनप्रोफेशनल हैं।’ इस घटना के बाद अर्जुन ने किसी प्रकार की सफाई पेश नहीं की है। वहीं, अर्जुन की मुश्किल थोड़ी बढ़ गई है।
पांच प्रोड्यूसर ने बांटना चाहा
ये श्रुति के साथ कोई पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहेल भी वह कास्टिंग काउच के बारे में बता चुकी हैं। इसी साल जनवरी में उन्होंने पांच प्रोड्यूसर की घटिया हरकत को उजागर किया था। श्रुति ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में ‘सेक्सिज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’ पर राय रखते हुए अपनी दास्तान सुनाई थी। श्रुति ने इस मुद्दे पर अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया था, ‘अधिकतर फिल्मों में लड़कियों को बतौर कमोडिटी शूट किया जाता है, जिससे वह दिखने में सुन्दर और सेक्सी लगें। इससे फिल्म को बेचने का काम आसानी से हो सके। इसके साथ ही फिल्म के चलने की संभावना बढ़ जाए अधिकतर फिल्मों में लड़कियां ऑब्जेक्ट। एक प्रोड्यूसर ने फिल्म देने के लिए कहा था कि फिल्म में 5 प्रोड्यूसर हैं और वह किसी भी तरह से मेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।’
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