राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का आज स्थापना दिवस(Rss Foundation Day) है। यह स्थापना दिवस हर साल दशहरा के मौके पर सेलिब्रेट किया जात है। इस खास मौके पर नागपुर में एक बड़े सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में आरएसएस कार्यकर्ता शामिल हुए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इन कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने लोगों को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और 550वें प्रकाश पर्व की बधाई दी। उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटने और मॉब लिंचिंग सहित कई मुद्दों पर अपने विचार रखे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। यहां हम आपको बता रहे हैं उनके संबोधन से जुड़ी 5 बड़ी बातें-
देशहित में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना की और मोदी सरकार का साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने लोगों की इच्छाओं को पूरा किया। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना देशहित में है। भले ही मोदी सरकार ने दूसरी बार सरकार बनने पर फैसला किया हो, लेकिन इससे अब कश्मीर के लोगों का विकास होगा।
मॉब लिंचिंग का आरएसएस से संबंध नहीं
इन दिनों देश में मॉब लिचिंग सबसे बड़ी समस्या है। मोहन भागवत ने कहा कि देश में ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही है। लेकिन कई बार ऐसी घटनाओं को बनाने की कोशिश की जाती है और उससे संघ का नाम जोड़ दिया जाता है। जबकि संघ के स्वयंसेवकों का ऐसी किसी घटना से कोई संबंध नहीं है। लिंचिंग जैसा शब्द भारत कान नहीं है क्योंकि ऐसी कोई घटना नहीं होती। कितना भी मतभेद हो कानून और संविधान दायरे में ही होता है।
सेना सतर्क, उग्रवादी हिंसा में कमी
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat Speech) ने कहा कि थल और जल सीमा पर सेना के जवान पहले से ज्यादा सतर्क हुए है। सिर्फ थल सीमा पर रक्षक चौकियों की संख्या और जल सीमा पर निगरानी अधिक बढ़ानी होगी। देश में नक्सलवादी और उग्रवादी हिंसा में कमी आई है। उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।
भारत का दुनिया पर प्रभाव
मोहन भागवत ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में देश की सोच में परिवर्तन आया है। दुनिया में भारत की प्रगति हो रही है। लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ की वजह से इसे अनदेखा कर रहे हैं। दुनिया में कई देश हैं जो भारत को बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहते, लेकिन देश बढ़ रहा है और अपना दबदबा बना रहा है।
सामाजिक सदभावना पर जोर
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कई वर्गों में बंटे भारते में सद्भावना, सहयोग और संवाद को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। संविधान के दायरे में रहकर अपनी अभिव्यक्ति का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ बातों का फैसला न्यायालाय से ही होता है। फैसला जो भी हो लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और ऐसी भाषा का प्रयोग करने से बचना होगा, जो किसी को ठेस पहुंचाए।
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वीडियो में जानिए आर्टिकल 370 के बारे में सब कुछ…