मायानगरी मुंबई में भिखारियों की संख्या पर कई बार राज्य सरकार चिंता जाहिर कर चुकी है। मुंबई के हर ट्रैफिक सिग्नल पर आपको भिखारी जरूर मिल जाएंगे। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि भिखारियों के एरिया तक बंटे हुए होते हैं। कोई भी भिखारी दूसरे के इलाके में जाकर भीख नहीं मांग सकता है। बीते शुक्रवार 82 साल के एक भिखारी (Mumbai Beggar) की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस ने जब उसकी झोपड़ी की तलाशी ली, तो उन्हें इतने रुपये-पैसे दिखे कि पुलिस वालों की आंखें फटी की फटी रह गईं।
मृतक का नाम बिदीचंद पनामाराम आजाद था। आजाद लोकल ट्रेन में भीख मांगकर अपना गुजारा करते थे। बीते शुक्रवार गोवांदी रेलवे स्टेशन पर वह पटरी पार कर रहे थे कि अचानक एक ट्रेन की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। वाशी रेलवे पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और उनके बारे में पड़ताल शुरू की। पुलिस गोवांदी स्लम के रहने वाले आजाद की झोपड़ी में पहुंची। आजाद के घर की तलाशी ली तो वहां से 7.7 लाख रुपये की एफडी के कागजात और 1.5 लाख रुपये के सिक्के मिले।
सिक्के गिनने में लगे कई घंटे
पुलिस को सिक्के गिनने में कई घंटे लग गए। पुलिस ने आसपास के लोगों से मृतक के परिवार के बारे में पता लगाया। जानकारी के अनुसार, आजाद मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे। पुलिस का कहना है कि आजाद के घर से मिले एफडी के कागजात और सिक्के उनके परिवार को सौंपे जाएंगे। उनके परिजनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होते ही यूजर्स तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि वह भिखारी एक इंजीनियर से ज्यादा अमीर था, तो कोई कह रहा है कि वह इसी वजह से भिखारियों को रुपये-पैसे नहीं देता क्योंकि यह माफियाओं का एक जाल है।
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