सनातन धर्म में हर महीने का खास महत्व होता है। इसी तरह सावन मास का भी विशेष महत्व है। इस माह में भगवान शिवशंकर की पूजा-आराधना की जाती है। भोलेनाथ के गले की शोभा बढ़ा रहे नाग देवता का त्योहार नाग पंचमी (Nag Panchami 2019) भी सावन माह में ही पड़ता है। शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त यानी सोमवार को है।
नाग पंचमी का त्योहार इस बार सोमवार को होने से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस दिन नाग देवता की विधिपूर्वक पूजा करने से नाग देवता ही नहीं बल्कि भोलेनाथ का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। क्या आप जानते हैं कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नाग चंद्रेश्वर मंदिर (Nag Chandreshwar Temple) के कपाट सिर्फ नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। यहां 11वीं शताब्दी की नाग चंद्रेश्वर प्रतिमा के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे खंड में स्थित है नागचंद्रेश्वर मंदिर
यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में तीसरे खंड में स्थित है। मंदिर में प्राचीन काल की इस प्रतिमा में भगवान शंकर अपनी पत्नी पार्वती और पुत्र गणेश के साथ विराजमान हैं। नाग चंद्रेश्वर छत्र के रूप में उनके ऊपर फन फैलाए हुए हैं। बताया जाता है कि इस मूर्ति को नेपाल से लाकर यहां स्थापित किया गया था। पूरी दुनिया में इस तरह की दूसरी प्रतिमा नहीं है।
24 घंटे लगातार दर्शनों के बाद 1 साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं कपाट
नाग पंचमी के दिन नाग चंद्रेश्वर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। सबसे पहले मंदिर के वरिष्ठ पुजारी भगवान की आराधना करते हैं और फिर श्रद्धालु यहां पूजा करते हैं। 24 घंटे लगातार दर्शनों के बाद कपाट एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी पर इस मंदिर में भगवान के दर्शन और पूजा करने से सर्पदोष खत्म हो जाता है। हर साल सर्पदोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
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