B’DAY: जानिए क्या है मोदी मैजिक, जो विपक्ष के लिए बना रहता है पहेली!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतियों को समझना विपक्ष के बस की बात नहीं, यही बातें हैं जो कि मोदी को बाकि नेताओं से अलग करती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भले ही संघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने मौका दिया लेकिन इसके पीछे छिपी उनकी मेहनत, रणनीति, प्लानिंग है। नरेंद्र मोदी के छवि को आज पूरा विश्व पहचानता है। नरेंद्र का सफर एक चाय बेचने से लेकर संघ प्रचारक और फिर सीएम से पीएम तक, रोचकता से भरा हुआ है। एक आम आदमी के भीतर आत्मविश्वास भरने के लिए पीएम मोदी की कहानी काफी है।

वैसे इनकी रणनीतियों पर बात करने से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि नरेंद्र मोदी किसी राजनीतिक या धनी परिवार से नहीं थे। एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने असाधारण काम कर अपनी पहचान खुद बनाई। इनका परिवार भी काफी बड़ा है। लेकिन समस्या से लड़ना नरेंद्र मोदी को बहुत अच्छे से आता है।

मोदी मैनेजमेंट
नरेंद्र मोदी का परिवार तो बड़ा है ही लेकिन उस वक्त की गरीबी और परिवार को चलाना व पढ़ाई करना। इन सभी जिम्मेदारियों पर नरेंद्र मोदी खरे उतरे। मेहनत के कारण ही इनको संघ की सदस्या मिली और बाद में संघ के मैनेजमेंट का काम दिया गया था। आज भी नरेंद्र मोदी के मैनेजमेंट की बात इनके नेतृत्व में दिखती है तभी तो इनसे कोई अपना नेता नाराज नहीं दिखता या विरोध में नहीं बोलता है। इतना ही नहीं वरिष्ठ नेता भी साथ खड़े दिखते हैं।

विरोध की भाषा
भारत की राजनीति में विरोध की भाषा में मर्यादा का पालन बहुत कम नेता करते हैं। हालांकि विरोध करना तो विपक्ष का काम होता है लेकिन नरेंद्र मोदी की विरोध की भाषा भी काफी शालीन होती है। हालांकि कटाक्ष तो करते हैं लेकिन सच के साथ बोलने का जो दमखम है लोगों को मोह लेता है। संसद से लेकर सड़क तक विरोध करने वाले नरेंद्र मोदी की भाषा में आग दिखता है लेकिन वे अपनी मर्यादा का भी पालन करते हैं।

मुद्दे का चयन
आज भले ही प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी के लिए रिसर्च टीम बनी हो लेकिन मोदी ने अपने राजनीति की नींव खुद के मुद्दों पर रखी है। जब नरेंद्र मोदी संघ के साथ जुड़ें तो देश भर में राष्ट्रवाद और हिंदूत्व का का मुद्दा नरेंद्र मोदी व्यापक तौर पर लेकर सामने आए। साथ ही इसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राजनीति जमकर चलाई है। तीन तलाक, स्वच्छता अभियान, काला धन, नोटबंदी आदि मुद्दे इनकी सरकार को हमेशा यादगार बनाकर रखेंगे।

भाषण शैली
नरेंद्र मोदी भी भारत के उन नेताओं के लिस्ट में शामिल हैं जिनके बोलने की शैली को लोग खूब पसंद करते हैं। साफ शब्दों में कहा जाए तो नरेंद्र मोदी के भाषण के लिए भीड़ जुटाने की जरुरत नहीं पड़ती क्योंकि इनकी बातों को सुनने के लिए लोग खुद ही चले आते हैं। जैसे कि पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव आदि के भाषण शैली को लोग पसंद करते हैं।

नेतृत्व की क्षमता
नरेंद्र मोदी को हम आज भले ही देश को संभालते देख रहे हैं लेकिन इससे पहले वह संघ, बीजेपी के कई बड़े पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीजेपी के कई बड़े दिग्गज नेता होने के बाद भी नरेंद्र मोदी ने कम समय में पार्टी में पकड़ बनाई और 2014 में इनके चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा और जीता भी। इससे साफ जाहिर होता है कि इनकी नेतृत्वकारी क्षमता सफल रही है।

लेखन कला
नरेंद्र मोदी ना केवल बोलते अच्छा हैं बल्कि इनके लिखने की शैली भी काफी रोचक है। नरेंद्र मोदी कारगिल वार के समय एक कविता लिखे थे जो कि चर्चा में रही। वहीं आपातकाल में लिखी गई इनकी गुजराती किताब, साथ ही हाल ही में इन्होंने स्कूली बच्चों के लिए किताब लिखी जो कि चर्चा में रही।

संबंध स्थापित करना
नरेंद्र मोदी संबंध स्थापित करने में भी काफी हद तक सफल रहे हैं। नरेंद्र मोदी को भले ही विपक्ष नापसंद करे लेकिन भारत ने पहली बार विदेशों में अपना संबंध स्थापित किया है। नरेंद्र मोदी ने विदेशी देशों के साथ संबंध स्थापित करने में सफल रहे हैं। हालही में अमेरिका के साथ 2+2 वार्ता होने के बाद ये बात स्पष्ट हो गई कि हमारी बात को अमेरिका यूं ही टाल नहीं सकता।

पहनावा
नरेंद्र मोदी का शूट आज भले ही करोड़ों का हो लेकिन मोदी काफी पहले से ही एक ही प्रकार के ड्रेस में नजर आते हैं। साथ ही इनकी दाढ़ी संघ से लेकर सक्रिय राजनीति में आने तक एक जैसी ही दिखने को मिलेगी। अगर तस्वीरों की मानें तो नरेंद्र मोदी अपने पहनावे को लेकर भी खासे चर्चा में रहे हैं और लोग पसंद भी करते हैं।

विपक्ष को चकमा
नरेंद्र मोदी को घेरने और इनके इस्तीफा को लेकर विपक्ष हमेशा हावी रहा लेकिन गुजरात से लेकर पीएम बनने तक नरेंद्र मोदी ने अपनी रणनीति के कारण खुद को बचा लिया। हाल ही में विश्वासमत लाने के बाद संसद में मोदी ने विपक्ष को चित्त कर दिया जिसके बारे में विपक्ष ने कल्पना तक नहीं की थी। गुजरात दंगा में भी इनका नाम जोड़ा गया लेकिन इनको क्लीन चीट मिल गई। 2019 में भी इनके मिशन को समझ पाना विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकता है। उपरोक्त बातें नरेंद्र मोदी ने अपने व्यक्तिगत जीवन से लेकर अब तक नहीं बदला है।

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.