Nirbhaya Case: क्या हुआ चारों को तिहाड़ जेल में फांसी देने से पहले, जानें पूरी हकीकत इस रिपोर्ट में

Nirbhaya Gets Justice: आखिरकार 7 साल, 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को उनके किये की सजा मिल गई है। आज सुबह 5.30 बजे तिहार जेल में चारों आरोपी अक्षय ठाकुर 31, पवन गुप्ता 25, विनय शर्मा 26 और मुकेश सिंह 32 को तिहार जेल में फांसी पर लटका दिया हैं।

आखिरकार 7 साल, 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को उनके किये की सजा मिल गई है। आज सुबह 5.30 बजे तिहार जेल में चारों आरोपी अक्षय ठाकुर 31, पवन गुप्ता 25, विनय शर्मा 26 और मुकेश सिंह 32 को तिहार जेल में फांसी पर लटका दिया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फांसी पर लटकाने से पहले उन्हें आइसोलेशन के लिए भेजा गया था और फिर उन्हें फांसी पर लटकाया गया। सुबह 7 बजे उन चारों को मृत घोषित कर दिया गया।

सुबह 3.15 को चारों दोषियों को जेल की कोठरी से बाहर लाया गया

बताया जा रहा हैं कि इन चारों में से पूरी रात कोई भी सोया या खाया-पिया नहीं था। रात भर चारों जागते रहे। सुबह 3.15 को जेल की कोठरी से उन्हें बाहर लाया गया और सारी प्रक्रिया करने के बाद उन्हें नहाने के लिए कहा गया। लेकिन विनय ने नहाने और कपडे बदलने से साफ़ इनकार कर दिया। वह उस समय अपने वकील से मिलने के कह रहा था और गिड़गिड़ा कर रो रहा था और छोड़ने की गुजारिश कर रहा था। उसके बाद उन लोगों के लिए चाय मंगाई गई, लेकिन किसी ने नहीं पिया। काले कलर का कुर्ता और पायजामा पहन ने के लिए कहा गया और फिर उनकी आखरी इच्छा पूछी गई।

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विनय फुट फुटकर रोया, वहीँ एक दोषी फांसी का फंदा देखकर जमीन पर लेट गया

बताया जा रहा हैं कि विनय कोई भी बात को मान नहीं रहा था। उसने नाहीं नाहये और नाहीं अपने कपडे बदले। वह सिर्फ रो रहा था और माफ़ी मांग रहा था। वहीँ एक दोषी फांसी के फंडा देखते ही जमीन पर लेट गया और तख्ते पर जाने से मना कर रहा था, वह काफी डर गया था।

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चारों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया

जेल के अधिकारियों के मुताबिक चारों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया। जेल नंबर 3 कोठी में चारों को लटकाने के चार हैंगर बनाये गए थे। पहले उनके हाथ और पैर बांधे गए ताकि वह फांसी देते वक़्त हिले नहीं और फिर उनके चेहरे काले कपडे से ढक दिए गए। मिली रिपोर्ट के मुताबिक लीवर खींचने के लिए मेरठ से जल्लाद को लाया गया था और उसे 60 हज़ार रूपये का मोहताना दिया गया है। एक का लीवर जल्लाद ने खिंचा और दुसरे का जेल स्टाफ ने।

सुपरिटेंडेंट के इशारे पर खिंचा लीवर

चारों दोषियों को खड़ा करने के बाद जल्लाद ने लीवर खींचने के लिए जेल नंबर-3 के सुपरिटेंडेंट की ओर देखा। जैसे ही उन्होंने इशारा किया। वैसे ही जल्लाद ने लीवर खींच दिया। फिर करीब 6 बजे यानी आधे घंटे बाद चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया गया।

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तिहार जेल के बाहर लोगों ने मनाया जश्न

तिहाड़ जेल के बाहर भारी मात्रा में लोग एकजुट हो गए थे। फांसी का इंतजार कर रहे थे। फांसी की खबर मिलते ही तिहाड़ के बाहर जश्न का माहौल हो गया था। लोग मिठाई बांट रहे थे और वकील एपी सिंह के खिलाफ नारेबाजी लगा रहे थे।