देश में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन जारी कर दिया गया है। इस लॉकडाउन में देश के कई प्रवासी मजदूर फस गए है। हालही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया था की देश के सभी प्रवासियों के टिकट का खर्चा उनकी पार्टी उठाएगी। अब बिहार सरकार द्वारा एक ऐलान सामने आया है जिसमे सभी प्रवासियों को टिकट के अलावा उनको पांच सौ रुपये देने की बात कही गई है। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है कि वह केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी बिहारियों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का विचार किया है। सीएम नीतीश ने कहा कि किसी को टिकट के लिए पैसा देने की जरूरत नहीं है।
नितीश कुमार का कहना है कि आने वाले प्रवाशियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर तैयार कर लिया गया है। इसमें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई गई सभी को यहां पर 21 दिन रहना होगा। इसके बाद आने जाने के खर्च के अलावा 500 रुपये की मदद की जाएगी। यानी कम से कम 1 हजार रुपया दिया जाएगा। इस योजना के तहत 19 लाख लोगों को पहले ही एक हजार रुपया दिया जा चुका है। इसके अलावा जो छात्र कोटा से आ रहे हैं उनका भी किराया राज्य सरकार दे रही है।
दरअसल प्रवासियों को लाने के लिए चलाई जा रही स्पेशल श्रमिक ट्रेन। जिसको लेकर मतभेद शुरू हो गए हैं. रेलवे विभाग का कहना है कि वह प्रत्येक यात्री का 85 फीसदी किराया वहन कर रहा है और बाकी 15 फीसदी राज्य सरकारों को देना चाहिए। इस पर कई विपक्ष के नेताओं का कहना है कि राज्यों पर भार डालना ठीक नहीं है। वहीं कई प्रदेश सरकारों ने 15 फीसदी किराया देने पर अभी तक कुछ नहीं बोला है। वजह से प्रवासियों को खुद अपने टिकट पैसा देना पड़ा।
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