प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह’ मेमोरियल का उद्घाटन किया। गुजरात के दांडी गांव में इस मेमोरियल को 110 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। महात्मा गांधी ने 1930 में अंग्रेज़ों के खिलाफ दांडी में नमक सत्याग्रह किया था। यह मेमोरियल नमक सत्याग्रह के महत्व को बताता है।
आपको बता दें कि इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। इस मेमोरियल में गांधी जी की 18 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है। यह मेमोरियल 15 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 41सोसर पैनल ट्री लगाए गए हैं, इसलिए इस मेमोरियल के नाम के आगे सोलर भी लगाया जा रहा है। इन सोलर पैनल ट्री से पूरे मेमोरियल में इस्तेमाल होने वाली बिजली की जरूरत पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उद्घाटन के बाद से ही यह मेमोरियल आम जनता के लिए खुल गया है। मेमोरियल अब देश के साथ-साथ विदेशों में भी आकर्षण का केंद्र होगा। यहां आने वाले पर्यटक नमक बनाने के प्रोसेस को देख सकेंगे। यहां तक वह खुद भी इसका प्रैक्टिकल कर देख सकेंगे। मेमोरियल में एक खारे पानी का तालाब भी बनाया गया है।
यहां देखिए भाजपा का ट्वीट
मेमोरियल में 80 प्रतिमा
‘राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह‘ मेमोरियल में 80 प्रतिमा बनाई गई है, जोकि दांडी मार्च की दर्शाती है। यहां क्रिस्टल बनाए गए हैं जो रात लेजर लाइटों से चमका करेगा। इतना ही नहीं यहां पर नमक बनाने के लिए 14 जार रखे गए हैं, जोकि सोलर लाइट से चलेगा। यहां 24 स्मृतिपथ भी बनाए हैं। इनकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
ये है नमक सत्याग्रह
ब्रिटिश सरकारी की मनमानी से देश पहले ही पीड़ित था। लेकिन 1930 में अंग्रेजों ने नमक पर दोनों तरह से टैक्स लगा दिया। मतलब कि जो लोग नमक बनाने पर भी टैक्स और बेचने पर भी टैक्स। जिससे भारतीयों को नमक खरीदने के लिए काफी ज्यादा टैक्स अदा करना पड़ता। लेकिन लाखों गरीब भारतीय इसे अफोर्ड भी नहीं कर सकते थे। इसलिए ब्रिटिश सरकार की इस नीति का विरोध हुआ।
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नमक सत्याग्रह किया और साबरमती से दांडी तक मार्च निकाला। जिसे हम लोग दांडी मार्च के नाम से भी जानते हैं। महात्मा गांधी जिस रास्ते पर जाते लोग उनसे जुड़ते जाते। जब महात्मा गांधी ने दांडी पहुंच कर नमक कानून का तोड़ा तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया