फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज डेट बढ़ाने पर हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या फैसला सुनाने से पहले चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक देखी थी? पीएम नरेंद्र मोदी के फिल्ममेकर्स और डायरेक्टर उमंग ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद सु्प्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के तीन दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई है।
चुनाव आयोग ने कहा था कि फिल्म को लोकसभा चुनाव खत्म होने यानि 19 मई तक रिलीज करने से रोक लगा दी थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग को ट्रेलर देखने के आधार पर कोई फैसला नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सलाह दी गई है कि पूरी फिल्म देखने के बाद ही फिल्म पर कोई फैसला सुनाए। चुनाव आयोग से कहा गया है कि फिल्म देखकर इस शुक्रवार (19 अप्रैल) तक वे फैसला बताए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
चुनाव आयोग ने कहा- मतदाता होंगे प्रभावित
पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की रिलीज डेट से एक दिन पहले (11 अप्रैल) को चुनाव आयोग ने विवेक ओबेरॉय स्टारर इस फिल्म पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा था कि चुनाव के दौरान यह फिल्म के लोगों को प्रभावित कर सकती है और जिसकी वजह से इलेक्ट्रोनिक मीडिया में नहीं दिखाना चाहिए। हालांकि फिल्म के प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने कहा कि यह कोई प्रोपेगेंडा फिल्म नहीं है।
संदीप सिंह बोले- मतदाता को प्रभावित नहीं करती फिल्म
संदीप सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी बायोपिक किसी भी मतदाता को प्रभावित नहीं करेगी। कोई भी मतदाता फिल्म देखकर भाजपा और नरेंद्र मोदी के पक्षकार नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि अगर यही बात है तो हर पार्टी को अपने सभी चुनावी प्रतार रोक देने चाहिए और फिल्म बनाकर मतदाताओं को प्रभावित करना चाहिए?
यहां देखिए फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर विवेक ओबेरॉय हुए ट्रोल…