राम जन्म भूमि विवाद को लेकर एक फार्मूला बनाया गया है। इस फार्मूला के आधार पर लखनऊ में विश्व का सबसे बड़ा मस्जिद और अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाएगा। दरअसल, रविवार को राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम विलास वेदांती ने इस बात का दावा किया है। इसको लेकर एक बार फिर अयोध्या विवाद पर चर्चाएं जोर पकड़ ली है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राम विलास वेदांती ने इलाहाबाद में मिशन मोदी अगेंस्ट पीएम कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत की और इसी बीच उन्होंने इस बात का दावा किया कि दो अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट होने का हलफनामा दाखिल कर इस पर अदालत की मुहर भी लगवा ली जाएगी।
BJP has resolved to build the Ram Mandir in Ayodhya. The construction of Ram Mandir will begin before the election of 2019 takes place: Ram Vilas Vedanti, Former BJP MP & President of Ram Janambhoomi Nyas pic.twitter.com/LM1hjV43rD
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2018
मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं…
साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अयोध्या विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाला है। वेदांती ने यह भी कहा है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बनी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा…
इतना ही वेदांती ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र रिटायर होने से पहले इस मसले को सुलझा देंगे। वेदांती ने दावा किया है कि उनके इस समझौते की वजह से दीपक मिश्र अयोध्या में मंदिर बनने के फार्मूले पर अदालत की सहमति दे देंगे। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्र इसी साल दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं।
बता दें कि राम मंदिर बनाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी बयान दिया था कि राम मंदिर को लेकर तीसरा विकल्प भी बनाया जाएगा लेकिन 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। हालांकि भाजपा ने भी 2014 चुनाव के दौरान इसको बनाने का वादा किया था।